YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देश के लागू होने के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

YouTube कम्यूनिटी दिशा-निर्देश क्या होते हैं?

जब कोई उपयोगकर्ता YouTube में शामिल होता है, तो वह पूरी दुनिया के लोगों के समुदाय में शामिल हो जाता है. हमने कम्यूनिटी दिशा-निर्देश में उन बातों का ब्यौरा दिया है जिनकी YouTube पर इजाज़त नहीं है. उदाहरण के लिए, हम अश्लील कॉन्टेंट (पोर्न), हिंसा को बढ़ावा, उत्पीड़न या नफ़रत फैलाने वाली भाषा की इजाज़त नहीं देते हैं. इन दिशा-निर्देशों का पालन करने से YouTube एक ऐसी जगह बनती है जहां हमारा समुदाय फल-फूल सके

YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के संभावित उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को कौन फ़्लैग कर सकता है?

कोई भी उपयोगकर्ता जिसने लॉग इन किया है वह वीडियो प्लेयर के पास तीन बिंदुओं पर क्लिक करके और “शिकायत करें” चुनकर वीडियो फ़्लैग कर सकता है. हमारे मानव समीक्षक दिन के 24 घंटे और हफ़्ते के सातों दिन इस तरह के कॉन्टेंट की ध्यान से समीक्षा करते हैं. इसमें यह तय किया जाता है कि कॉन्टेंट YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का पालन करता है या नहीं. अगर हमें लगता कि कोई वीडियो हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है, तो उसे हटा दिया जाता है या उस पर पाबंदी लगा दी जाती है. साथ ही, क्रिएटर को ईमेल से इसकी सूचना दी जाती है और फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने का मौका दिया जाता है. हालांकि, निजता के आधार पर हटाए गए वीडियो के मामले में, अपील का मौका नहीं दिया जाता.

YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का संभावित उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को फ़्लैग करते समय, लोग किन वजहों को चुन सकते हैं?

किसी वीडियो या लाइवस्ट्रीम को फ़्लैग करने के लिए, व्यक्ति को वजहों की सूची में से एक वजह चुननी होगी. इसमें वे वजहें शामिल हैं जिनसे हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हो सकता है. उदाहरण के लिए, सेक्शुअल कॉन्टेंट, आतंकवाद को बढ़ावा देने वाला, नफ़रत फैलाने वाला या बुरे बर्ताव वाला कॉन्टेंट. हमारे मानवीय समीक्षक तब YouTube के सभी कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के लिए फ़्लैग किए गए वीडियो की जांच-पड़ताल करेंगे, न कि सिर्फ़ उस वजह के लिए जिसे फ़्लैग करने वाले व्यक्ति ने बताया है. अगर कॉन्टेंट की जांच-पड़ताल करने पर हम उसे अपने कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन करने वाला पाते हैं, तो उपयोगकर्ताओं की ओर से फ़्लैग किए गए वीडियो या तो हटा दिए जाते हैं या उन पर रोक लगा दी जाती है. उपयोगकर्ता YouTube पर कॉन्टेंट कैसे फ़्लैग करते हैं, इस बारे में ज़्यादा जानें.

YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले वीडियो का क्या किया जाता है?

हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को साइट से हटा दिया जाता है. हमारे दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को पहली बार पोस्ट करने पर, चैनल को एक चेतावनी दी जाएगी. दूसरी बार उल्लंघन करने वाले चैनल को एक शिकायत भेजी जाएगी. क्रिएटर के पास हमारे फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील करने का अधिकार है. इसके बाद, कॉन्टेंट की फिर से जांच-पड़ताल करके आखिरी फ़ैसला लिया जाता है. हालांकि, अगर आंतरिक जांच-पड़ताल के बाद, यह पता चलता है कि वीडियो को निजता के आधार पर हटाया गया है, तो अपील का मौका नहीं दिया जाता.

चैनल को शिकायत मिलने पर क्या होता है?

अगर किसी क्रिएटर के चैनल को कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की स्ट्राइक मिलती है, तो उस क्रिएटर को एक ईमेल मिलेगा. साथ ही, उसे चैनल की सेटिंग में एक चेतावनी दिखेगी जिसमें कॉन्टेंट हटाए जाने की वजह बताई गई होगी. अगली बार, डेस्कटॉप कंप्यूटर या मोबाइल ऐप्लिकेशन पर अपने YouTube चैनल को ऐक्सेस करते समय, क्रिएटर्स को कॉन्टेंट हटाने की सूचना भी दिखेगी. क्रिएटर के चैनल पर एक भी शिकायत दर्ज होने पर, वे एक हफ़्ते तक नया कॉन्टेंट पोस्ट नहीं कर पाएंगे. इसमें वीडियो, लाइवस्ट्रीम, स्टोरीज़, वीडियो के थंबनेल, और पोस्ट शामिल हैं. क्रिएटर के चैनल के ख़िलाफ़ दूसरी स्ट्राइक मिलने पर, चैनल पर दो हफ़्ते तक कोई कॉन्टेंट पोस्ट नहीं किया जा सकता. चैनल को मिलने वाली शिकायतें 90 दिनों तक बनी रहती हैं. अगर 90 दिनों के अंदर, क्रिएटर के चैनल को कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के उल्लंघन की तीन स्ट्राइक मिलती है, तो उसका चैनल बंद कर दिया जाएगा. क्रिएटर अलग-अलग शिकायतों या चैनल के बंद किए जाने के ख़िलाफ़ अपील कर सकता है. ज़्यादा जानें

YouTube किसी वीडियो को हटाए जाने की वजह कैसे असाइन करता है? 

जब हमारे समीक्षकों की प्रशिक्षित टीम ऐसे फ़्लैग किए गए वीडियो का पता लगाती है जो हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो हमारी नीतियों और नीति उल्लंघन ठीक करने के तरीके (एनफ़ोर्समेंट) के मानदंड को आधार बनाकर वीडियो हटाए जाने की वजह असाइन की जाती है. ऐसे मामलों में जहां कोई वीडियो हमारे एक से ज़्यादा दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो वहां समीक्षक इस आधार पर हटाए जाने की वजह असाइन करते हैं कि किस नीति का उल्लंघन ज़्यादा गंभीर है. कई गंभीर उल्लंघन होने पर, हमारे समीक्षक इस आधार पर कॉन्टेंट हटाए जाने की वजह असाइन करते हैं कि किस नीति का उल्लंघन ज़्यादा साफ़ तौर पर दिख रहा है. साथ ही, किस उल्लंघन से कॉन्टेंट अपलोड करने वाले के इरादे का पता चलता है. अगर स्पैम के ख़िलाफ़ बनी हमारी नीतियों के उल्लंघन की वजह से हमारी टेक्नोलॉजी किसी वीडियो को हटाती है, तो उसे स्पैम की कैटगरी में रखा जाता है. कभी-कभी हमारी टेक्नोलॉजी किसी वीडियो को इस वजह से हटाती है, क्योंकि उसमें ऐसा कॉन्टेंट दोबारा अपलोड किया गया होता है जिसकी हम पहले ही समीक्षा कर चुके हैं. साथ ही, समीक्षा के दौरान यह पता चला था कि वह वीडियो हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है. ऐसा होने पर, हम उस वीडियो को हटाने की वही वजह बताते हैं जो मूल वीडियो हटाने के बारे में बताई थी. दूसरे मामलों में, जब अपने-आप काम करने वाले हमारे सिस्टम किसी कॉन्टेंट की ओर ध्यान दिलाते हैं, तो समीक्षक कॉन्टेंट का आकलन करके उसे हटाए जाने की वजह बताते हैं. 

कुछ वीडियो के लिए हटाए जाने की वजह असाइन क्यों नहीं की जाती?

YouTube में पहले के नीति उल्लंघन ठीक करने के तरीके में, किसी वीडियो की समीक्षा करते समय सिर्फ़ नीति उल्लंघन ठीक करने के तरीके की ज़रूरी कार्रवाई (यानी शिकायत या उम्र की पाबंदी) लॉग करते थे, हटाए जाने की वजह नहीं. फ़िलहाल, जब हमारी टेक्नोलॉजी उल्लंघन करने वाले वीडियो से मिलते-जुलते वीडियो फिर से अपलोड होने से रोकती है या जब समीक्षक किसी वीडियो को हटाने के लिए नीति उल्लंघन ठीक करने के किसी पुराने टूल का इस्तेमाल करते हैं, तो उससे जुड़ी नीति की कोई वजह नहीं होती. इसलिए, हमने इस तरह के वीडियो को “अन्य” की कैटगरी में डाल दिया है. हम इस कैटगरी के कॉन्टेंट को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें नीति की वजहों से पुराना कॉन्टेंट हटाना भी शामिल है.  

आप यह कैसे तय करते हैं कि वीडियो किस देश/इलाके से अपलोड किया गया था?

यह डेटा, वीडियो अपलोड करते समय उसे अपलोड करने वाले के आईपी पते के आधार पर तय होता है. आम तौर पर, आईपी पता उस जगह की जानकारी देता है जहां से वीडियो अपलोड हुआ था. हालांकि, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) या प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल करके वीडियो अपलोड करने के मामले में ऐसा नहीं होता. इसलिए, यह डेटा इस बात में फ़र्क नहीं करता कि वीडियो अपलोड करने वाला व्यक्ति किसी खास देश/इलाके में रहता है या उस देश में उपलब्ध वीपीएन या प्रॉक्सी सर्वर का इस्तेमाल कर रहा है. ध्यान दें कि वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति का आईपी पता किसी और जगह का भी हो सकता है. यह ज़रूरी नहीं है कि आईपी पता उसी जगह का हो जहां पर वीडियो देखा गया था या जिस जगह से वीडियो के बारे में शिकायत की गई थी (अगर किसी उपयोगकर्ता या भरोसेमंद फ़्लैगर ने वीडियो के बारे में शिकायत की थी). 
 

हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देश इस तरह तैयार किए गए हैं कि वे दुनिया भर में लागू किए जा सकें. नीति के उल्लंघन की वजह से, कॉन्टेंट हटाने के लिए, वीडियो अपलोड करने वाले के आईपी पते को आधार नहीं बनाया जाता है. स्थानीय कानूनों के आधार पर कॉन्टेंट हटाए जाने के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए, Google की कॉन्टेंट हटाए जाने से जुड़े सरकारी अनुरोधों की पारदर्शिता रिपोर्ट देखें.

चैनल के लेवल पर वीडियो क्यों हटाए जाते हैं?

किसी चैनल से वीडियो इन वजहों से हटाए जाते हैं: हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों की तीन स्ट्राइक वाली नीति का उल्लंघन करना, गंभीर तौर पर बुरे बर्ताव का अकेला मामला होना (जैसे कि अपने से कम उम्र के लोगों का शोषण करना) या नीति का उल्लंघन करने के लिए बने खातों का इस्तेमाल करना (जैसे कि किसी दूसरे के नाम पर काम करना). जब किसी चैनल को बंद किया जाता है, तो उसके सारे वीडियो हटा दिए जाते हैं. किसी चैनल को बंद किए जाने पर, खाते के मालिक को एक ईमेल मिलता है, जिसमें बंद किए जाने की पूरी वजह बताई जाती है. अगर उपयोगकर्ता को लगता है कि उनके खाते को गलती से बंद किया गया है, तो वह फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील कर सकते हैं.

क्या फ़्लैग किए गए कॉन्टेंट को अपने-आप हटा दिया जाता है?

YouTube उपयोगकर्ताओं के फ़्लैग किए गए वीडियो पर कार्रवाई तब ही करता है, जब हमारे प्रशिक्षित मानव समीक्षक उस वीडियो की समीक्षा करके यह पक्का करते हैं कि वह वाकई हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है और वे ऐसे कॉन्टेंट की सुरक्षा करते हैं जिसे दिखाने का शिक्षाप्रद, डॉक्यूमेंट्री, वैज्ञानिक या कलात्मक मकसद होता है. हालांकि, हम स्पैम को अपने-आप पहचानने और हटाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं. साथ ही, इसका इस्तेमाल हम ऐसे कॉन्टेंट के लिए भी करते हैं जिसकी एक बार जांच-पड़ताल करके तय किया जा चुका है कि वह हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है, लेकिन उसे फिर से अपलोड किया गया है. इसके अलावा, कुछ मामले ऐसे भी हैं जहां हम वीडियो को नहीं हटाएंगे, लेकिन उस पर टिप्पणी करने जैसी सुविधाएं बंद कर देंगे. इसके अलावा, उस वीडियो को साइन-इन करके वीडियो देखने वाले 18 साल से ज़्यादा उम्र के दर्शकों के लिए सीमित कर देंगे. क्रिएटर्स को नीति उल्लंघन ठीक करने के तरीकों की सूचना दी जाएगी. साथ ही, अगर उन्हें लगता है कि हमने गलती से कोई फ़ैसला लिया है, तो वे अपील कर सकते हैं. 

YouTube किसी वीडियो को हटाने के बजाय उस पर किन तरीकों से रोक लगा सकता है?

  • उम्र की पाबंदी वाले वीडियो. कुछ वीडियो हमारी नीतियों का उल्लंघन नहीं करते, लेकिन हो सकता है कि वे सभी दर्शकों के लिए ठीक न हों. ऐसे मामलों में, हमारी समीक्षा टीम वीडियो के बारे में सूचना मिलने पर उस पर उम्र से जुड़ी पाबंदी लगा देगी. उम्र से जुड़ी पाबंदी वाले वीडियो ऐसे लोगों को नहीं दिखते जिन्होंने लॉग आउट किया हुआ हो, जिनकी उम्र 18 साल से कम हो या जिन्होंने पाबंदी मोड को चालू कर रखा हो. जब हम यह फ़ैसला करते हैं, तो हम अपलोड करने वाले को ईमेल से यह सूचना देते हैं कि उनके वीडियो पर उम्र संबंधी पाबंदी लगा दी गई है और वे इस फ़ैसले के खिलाफ़ अपील कर सकते हैं.  ज़्यादा जानें.

  • सीमित सुविधाएं. अगर हमारी समीक्षा टीमें यह पाती हैं कि वीडियो हमारी नीतियों का कुछ हद तक ही उल्लंघन करता है, तो उससे जुड़ी कुछ सुविधाएं बंद की जा सकती हैं. ये वीडियो YouTube पर मौजूद रहेंगे, लेकिन उनके पहले एक चेतावनी मैसेज दिखाया जाएगा और कुछ सुविधाएं बंद रहेंगी. इनमें शेयर करना, टिप्पणी करना, पसंद करना, और सुझाए गए वीडियो में प्लेसमेंट विज्ञापन लगाना शामिल है. इन वीडियो से कमाई भी नहीं की जा सकती. जब हम यह फ़ैसला करते हैं, तो हम अपलोड करने वाले को ईमेल से यह सूचना देते हैं कि उनके वीडियो पर कुछ ही फ़ीचर काम करेंगे और वे इस फ़ैसले के खिलाफ़ अपील कर सकते हैं.  ज़्यादा जानें.

  • निजी के तौर पर लॉक किया गया. अगर किसी वीडियो को भ्रामक मेटाडेटा के कारण हमारी नीति का उल्लंघन करने वाला पाया जाता है, तो उसे निजी के रूप में लॉक किया जा सकता है. जब किसी वीडियो को निजी के रूप में लॉक किया जाता है, तो वह सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देगा. अगर किसी दर्शक के पास उस वीडियो का लिंक है, तो वह 'उपलब्ध नहीं है' के रूप में दिखेगा. जब हम यह फ़ैसला करते हैं, तो हम अपलोड करने वाले को ईमेल से यह सूचना देते हैं कि उनका वीडियो अब सार्वजनिक नहीं है और वे इस फ़ैसले के खिलाफ़ अपील कर सकते हैं.  ज़्यादा जानें.

वीडियो पर रोक लगाने की ऊपर बताई गई कार्रवाइयां इस समय रिपोर्ट में शामिल नहीं की जाती हैं.

YouTube या क्रिएटर्स टिप्पणियों को हटाने के बजाय क्या-क्या कदम उठा सकते हैं?

YouTube, क्रिएटर्स को उनके वीडियो और चैनलों पर टिप्पणियां नियंत्रित करने के लिए कई विकल्प देता है जिनमें शामिल हैं:

  • टिप्पणियों की सुविधा बंद करना. क्रिएटर्स यह तय कर सकते हैं कि उन्हें चुनिंदा वीडियो पर टिप्पणी करने की सुविधा चालू या बंद करनी है. ज़्यादा जानें

  • टिप्पणी के लिए फ़िल्टर सेट अप करना. क्रिएटर्स नई टिप्पणियां और मैसेज मैनेज करने के लिए फ़िल्टर सेट अप कर सकते हैं. इसमें कई चीज़ें शामिल हैं. जैसे, उन लोगों को चुनना जिनकी टिप्पणियां हमेशा मंज़ूर या ब्लॉक की जाएंगी. साथ ही, ‘ब्लॉक किए गए शब्दों’ की ऐसी सूची जोड़ना जो ऐसी नई टिप्पणी को फ़िल्टर कर देगी जिसमें वे शब्द होंगे जो क्रिएटर की “समीक्षा के लिए रोकी गई” सूची में मौजूद हैं. फ़िल्टर ऐसी टिप्पणियों को भी रोक सकता है, जिनमें क्रिएटर की समीक्षा के लिंक शामिल हों. ज़्यादा जानें.

  • टिप्पणियां नियंत्रित (मॉडरेट) करना. क्रिएटर्स के पास अपने वीडियो और टिप्पणियों को मॉडरेट करने के लिए कई विकल्प होते हैं. इसके लिए वे अलग-अलग वीडियो चुन सकते हैं या अपना पूरा चैनल चुन सकते हैं. विकल्पों में वीडियो या चैनल पर पोस्ट किए जाने से पहले सभी नई टिप्पणियों को रोककर उनकी समीक्षा करना या संभावित रूप से गलत टिप्पणियों को समीक्षा के लिए रोकना शामिल है. अगर क्रिएटर्स विकल्प चुनते हैं, तो टिप्पणियां “समीक्षा के लिए रोकी गईं” सूची में दिखाई देंगी. इन टिप्पणियों को मंज़ूरी देने, छिपाने या इनकी रिपोर्ट करने का आखिरी फ़ैसला क्रिएटर ही करते हैं. ज़्यादा जानें.

टिप्पणियां नियंत्रित (मॉडरेट) करने की ऊपर बताई गई कार्रवाइयों को इस दौरान रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जाता. इसमें सिर्फ़ उन टिप्पणियों का डेटा शामिल होता है जिन्हें YouTube ने हमारी नीतियों का उल्लंघन करने की वजह से हटा दिया था या जिन्हें 'संभावित स्पैम' के तौर पर फ़िल्टर किया गया था. इस रिपोर्ट में तब भी टिप्पणियां शामिल नहीं होती हैं, जब YouTube किसी वीडियो के लिए टिप्पणी वाले सेक्शन को बंद कर देता है, जब किसी वीडियो को खास तौर पर या चैनल से निलंबित किए जाने पर हटाया जाता है या जब किसी टिप्पणी करने वाले का खाता बंद कर दिया जाता है.

किसी कॉन्टेंट को हटाने या उस पर पाबंदी लगाने का फ़ैसला लेने के लिए, उसके ख़िलाफ़ की गई शिकायत की समीक्षा कौन करता है?

यह पक्का करने के लिए कि कॉन्टेंट सच में हमारी नीतियों का उल्लंघन करता है या नहीं और साथ ही शिक्षाप्रद, डॉक्यूमेंट्री, वैज्ञानिक या कलात्मक मकसद वाले कॉन्टेंट को बचाने के लिए, फ़्लैग किए गए कॉन्टेंट की जांच-पड़ताल हमारे प्रशिक्षित मानवीय समीक्षक करते हैं. ये टीमें दुनिया भर के कई देशों में मौजूद हैं, वे कई भाषाएं जानती हैं और वे हफ़्ते के चौबीसों घंटे-सातों दिन फ़्लैग की गौर से जांच-पड़ताल करती हैं. समीक्षकों को YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का गहन प्रशिक्षण दिया जाता है और अक्सर उन्हें बाल सुरक्षा या नफ़रत फैलाने वाली भाषा जैसे खास नीति क्षेत्रों का विशेषज्ञ बनाया जाता है. वे हमारी शर्तों का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को हटाते हैं, ऐसे कॉन्टेंट पर पाबंदी लगाते हैं जो सभी दर्शकों के लिए सही नहीं है. साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि अगर कॉन्टेंट हमारे दिशा-निर्देशों का उल्लंघन नहीं करता, तो वह ऑनलाइन बना रहे.

मानवीय समीक्षकों को किस तरह प्रशिक्षण दिया जाता है?

YouTube के मानवीय समीक्षक एक गहन प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरा करते हैं ताकि यह पक्का हो सके कि उन्हें YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों की पूरी समझ है—और साथ ही यह भी पता है कि शिक्षाप्रद, डॉक्यूमेंट्री, वैज्ञानिक या कलात्मक मकसद वाले कॉन्टेंट को कैसे पहचाना जाए और उसे कैसे बचाया जाए. प्रशिक्षण कक्षा और ऑनलाइन पाठ्यक्रम के ज़रिए दिया जाता है. यह पक्का करने के लिए कि सीखने का अनुभव बेहतरीन रहे और सीखी गई चीज़ें याद रहें, हम प्रशिक्षण प्रक्रिया के एक भाग के रूप में बार-बार इंतहान लेते रहते हैं. क्वालिटी बनाए रखने संबंधी कार्यक्रम की मदद से, समीक्षकों के लिए गए फ़ैसलों की लगातार जांच-पड़ताल की जाती है और उनमें सुधार की संभावनाएं देखी जाती हैं. जब गलतियां होती हैं—चाहे वह मानवीय गलती हो या हमारे तकनीकी सिस्टमों की खामी हो—तो हम गड़बड़ी को ठीक करने के लिए काम करते हैं, जो हुआ उसका गहराई से विश्लेषण करते हैं और आगे से ऐसी गलतियों को रोकने के लिए तरकीबें अपनाते हैं.

क्या मानवीय समीक्षक कभी गलतियां करते हैं?

हां. YouTube के मानवीय समीक्षकों को गहन प्रशिक्षण दिया जाता है, लेकिन जैसा कि सभी सिस्टम में होता है, समीक्षक भी कभी-कभी गलतियां करते हैं और इसलिए हम अपील करने का मौका देते हैं.

एक क्रिएटर के नज़रिए से देखें, तो अगर कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों की नीति के तहत कॉन्टेंट हटाया जाता है या चैनल पर पाबंदियां लगती हैं, तो क्या होता है?

क्रिएटर्स को कॉन्टेंट हटाए जाने या चैनल पर पाबंदी लगाए जाने की जानकारी ईमेल के ज़रिए या उनके चैनल की सेटिंग में दी जाती है. साथ ही, हम इस कार्रवाई के ख़िलाफ़ अपील करने का लिंक भी देते हैं. हालांकि, निजता के आधार पर हटाए गए वीडियो के मामले में अपील का मौका नहीं मिलता. अगली बार, डेस्कटॉप कंप्यूटर या मोबाइल ऐप्लिकेशन पर क्रिएटर्स को अपने YouTube चैनल को ऐक्सेस करते समय भी वीडियो हटाए जाने की जानकारी दिखेगी. अगर कोई क्रिएटर इसके ख़िलाफ़ अपील सबमिट करता है, तो उसे मानवीय समीक्षा के लिए भेजा जाता है. हालांकि, तब फ़ैसले को मान लिया जाता है या उलट दिया जाता है. क्रिएटर को फ़ॉलो अप ईमेल से नतीजे की जानकारी दी जाती है.

और किस तरीके से इसकी पहचान की जाती है कि कॉन्टेंट से YouTube कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हो रहा है या नहीं?

इन नीतियों को लागू करने के लिए YouTube लंबे समय से इंसान और तकनीकी का इस्तेमाल करता रहा है. कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट को फ़्लैग करने के लिए हम उपयोगकर्ताओं के फ़्लैग के अलावा तकनीकी का इस्तेमाल भी करते हैं. जब तक हमें काफ़ी हद तक भरोसा न हो कि कॉन्टेंट से हमारी नीतियों का उल्लंघन होता है, इसे आम तौर पर संभावित उल्लंघनों की जांच-पड़ताल के लिए प्रशिक्षित समीक्षकों के पास भेजा जाता है. उदाहरण के लिए, हमारे पास ऐसे टूल हैं जो बड़े पैमाने पर अपने-आप स्पैम का पता लगाकर उसे हटा सकते हैं. यह काम ऐसे खास इशारों के आधार पर किया जाता है जिन्हें पक्के तौर पर YouTube का गलत इस्तेमाल करने वाले तौर-तरीकों से जोड़ा जा सकता है. ऐसा कॉन्टेंट जिसकी जांच-पड़ताल पहले ही की जा चुकी है और जिसमें हमारी नीतियों का उल्लंघन पाया गया है, उसको फिर से अपलोड करने पर भी हम उसे अपने-आप हटा देते हैं.

वीडियो अपने-आप कैसे फ़्लैग होता है?

वीडियो को अपने-आप फ़्लैग करने वाले YouTube के सिस्टम तब ही काम करना शुरू कर देते हैं जब उपयोगकर्ता वीडियो प्रकाशित करने या टिप्पणी पोस्ट करने की कोशिश करता है. क्या कॉन्टेंट से YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हो सकता है, इसका पता लगाने के लिए उसे मशीनों से स्कैन किया जाता है. इसके अलावा, अगर किसी कॉन्टेंट के बारे में पहले से पता है कि इससे दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता है, तो YouTube ऑटोमेटेड सिस्टम (कार्रवाइयों को अपने-आप पूरा करने वाला सिस्टम) का इस्तेमाल करके, उस कॉन्टेंट को फिर से अपलोड करने से रोकता है. ऐसे कॉन्टेंट की पहचान के लिए हैश या “डिजिटल फ़िंगरप्रिंट” का इस्तेमाल किया जाता है.

YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों को लागू करने से जुड़ी रिपोर्ट में किस तरह का डेटा शामिल होता है और किस तरह का डेटा शामिल नहीं होता?

इस रिपोर्ट में YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के संभावित उल्लंघन के लिए, वीडियो पर की गई लोगों की शिकायतों और अपने-आप होने वाली फ़्लैगिंग का डेटा शामिल होता है. हमने दिसंबर, 2018 में टिप्पणियों को हटाने के साथ ही, चैनल बंद करने से जुड़ा डेटा, इस रिपोर्ट में शामिल किया था. चैनल और वीडियो हटाने की वजह बताने वाला जो डेटा शामिल किया गया है, वह सितंबर, 2018 से बाद का है. टिप्पणियों और प्लेलिस्ट के साथ-साथ YouTube पर मौजूद अन्य कॉन्टेंट की भी शिकायत की जा सकती है. हालांकि, हम उन चीज़ों को फ़िलहाल इस रिपोर्ट में शामिल नहीं कर रहे हैं. इस रिपोर्ट में कानूनी वजहों से हटाए गए वीडियो नहीं शामिल होते हैं, जिन्हें हम कॉन्टेंट हटाने के सरकारी अनुरोध की रिपोर्ट में शेयर करते हैं. साथ ही, निजता और कॉपीराइट के उल्लंघनों के चलते हटाए गए वीडियो भी शामिल नहीं होते हैं.

क्या इस रिपोर्ट में सभी तरह की शिकायतें शामिल की गई हैं?

2017 की आखिरी तिमाही (पहली रिपोर्ट की समयावधि) में, हमें तीन करोड़ मानवीय फ़्लैग मिले. हमारे फ़्लैग करने के सिस्टम के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए, YouTube में ऐसे कई सिस्टम मौजूद हैं जो गलत लगने वाली शिकायतों या बहुत ज़्यादा संख्या में की कई शिकायतों की पहचान कर लेते हैं. इनके अलावा जो भी फ़्लैग होते हैं उन्हें इस रिपोर्ट में दिए गए डेटा में नहीं शामिल किया गया है. इन सिस्टम में समय-समय पर बदलाव किए जाते हैं ताकि यह पक्का किया जा सके कि वे गलत इस्तेमाल के खिलाफ़ कारगर हैं. तिमाही दर तिमाही फ़्लैग की संख्या में जो बदलाव आता है उसके पीछे एक वजह यह भी है. इसके अलावा कानूनी मामले, कॉपीराइट, और निजता के उल्लंघन के मामलों को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जाता. साथ ही, वीडियो के अलावा किसी और कॉन्टेंट से जुड़ी शिकायत को भी इसमें शामिल नहीं किया जाता.

Priority Flagger क्या है?

Priority Flagger एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे हमने इसलिए बनाया है, ताकि किसी कॉन्टेंट पर ज़्यादा कारगर तरीके से ध्यान दिया जा सके. इसमें बुरे बर्ताव की शिकायत करने वाले सुरक्षा से जुड़े बल्क टूल का इस्तेमाल किया जाता है. इस टूल से, हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले कॉन्टेंट के बारे में हमें जानकारी मिलती है. एनजीओ और सरकारी एजेंसियां इस कार्यक्रम में हिस्सा ले सकती हैं. कार्यक्रम में शामिल होने की एक प्रक्रिया के तौर पर, सभी सदस्यों को YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों की ट्रेनिंग दी जाती है. आम लोगों की तुलना में, इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वालों की शिकायत पर कार्रवाई की दर ज़्यादा है, इसलिए हम उनकी शिकायतों की जांच पहले करते हैं. भरोसेमंद फ़्लैगर की ओर से फ़्लैग किए गए कॉन्टेंट को अपने-आप नहीं हटाया जाता. न ही उसकी जांच-पड़ताल ऐसी किसी दूसरी नीति के हिसाब से की जाती है जो बाकी लोगों की शिकायतों पर लागू न होती हो. भरोसेमंद फ़्लैगर की ओर से फ़्लैग किए गए वीडियो पर भी वही नीतियां लागू होती हैं जो किसी और उपयोगकर्ता की ओर से फ़्लैग किए गए वीडियो पर लागू होती हैं. हमारे मानवीय समीक्षकों की ओर से उनकी भी जांच की जाती है. समीक्षा करने वाले इन लोगों को यह तय करने की ट्रेनिंग दी जाती है कि कॉन्टेंट से हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता है या नहीं. साथ ही, उसे हटाया जाना चाहिए या नहीं. ज़्यादा जानें.

क्या दूसरे तरीकों से भी आपत्तिजनक कॉन्टेंट की शिकायत जा सकती है?

अगर फ़्लैग करने की प्रक्रिया में उपयोगकर्ता की समस्या ठीक से हल नहीं हो पाती, तो हमारे पास शिकायत करने के दूसरे तरीके भी मौजूद हैं.

  • सुरक्षा और बुरे बर्ताव की रिपोर्ट करने वाला टूल. कभी-कभी किसी व्यक्ति को एक से ज़्यादा कॉन्टेंट की रिपोर्ट करने की ज़रूरत पड़ सकती है. हो सकता है कि वह जांच-पड़ताल के लिए ज़्यादा जानकारी वाली रिपोर्ट सबमिट करना चाहता हो. सुरक्षा और बुरे बर्ताव की रिपोर्ट करने वाला टूल किसी उपयोगकर्ता की टिप्पणी या वीडियो को हाइलाइट करने और किसी समस्या के बारे में ज़्यादा जानकारी देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर किसी उपयोगकर्ता को लगता है कि उसे बुरे बर्ताव के मामले में टारगेट किया गया है, तो यह टूल उस कॉन्टेंट की शिकायत करने का सबसे अच्छा तरीका है.

  • निजता से जुड़ी शिकायतें कोई व्यक्ति निजता से जुड़ी शिकायत करने के लिए निजता शिकायत प्रक्रिया का इस्तेमाल कर सकता है.

  • कानूनी समस्याएं (इनमें कॉपीराइट की समस्याएं भी शामिल हैं). कोई व्यक्ति हमारे कानूनी वेबफ़ॉर्म का इस्तेमाल करके, अपनी ओर से या किसी क्लाइंट की ओर से कानूनी समस्या की शिकायत कर सकता है.

  • गंभीर चोट या मौत. हम प्रियजनों के गंभीर रूप से घायल होने के फ़ुटेज के मामलों में उनके परिवार की ओर से मिले अनुरोधों को पूरा करने की पूरी कोशिश करते हैं. ऐसे कॉन्टेंट को हटाने के अनुरोध हमारे वेबफ़ॉर्म की मदद से सबमिट किए जा सकते हैं.

ऐतिहासिक रिपोर्ट डेटा को अपडेट करने की क्या वजह है?

हम इस रिपोर्ट के ज़रिए पारदर्शिता दिखाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. कुछ मामलों में, डेटा को पोस्ट करने के बाद हमें उसमें गड़बड़ी मिल सकती है. जब इस गड़बड़ी की वजह से, पिछली तिमाही में जारी किए गए डेटा पर ज़्यादा असर पड़ेगा, तो हम रिपोर्ट का पुराना डेटा ठीक करेंगे और बदलाव के बारे में एक नोट शामिल करेंगे. 

उल्लंघन करने वाले वीडियो देखे जाने की दर (वीवीआर) को कैसे मापा जाता है?

पहले हम YouTube पर देखे गए सभी वीडियो का नमूना लेते हैं. इसके बाद, उस नमूने में शामिल किए गए वीडियो समीक्षा के लिए भेजे जाते हैं. हमारी टीमें तय करती हैं कि हर वीडियो हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है या नहीं. इसके बाद, हम सभी नतीजों की मदद से, हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले वीडियो को, YouTube पर देखे जाने की दर का अनुमान लगाते हैं. आखिर में, वीवीआर मेट्रिक को 95 प्रतिशत कॉन्फ़िडेंस इंटरवल के साथ रिपोर्ट किया जाता है. इसका मतलब है कि अगर हमने एक ही समयावधि के लिए कई बार जांच की है, तो हम उम्मीद करेंगे कि सही मेट्रिक 95 प्रतिशत वाले टाइम इंटरवल में होगी. कॉन्फ़िडेंस इंटरवल का पता लगाते समय, रेट करने वालों की क्वालिटी को ध्यान में नहीं रखा जाता. इससे हमारे आंकड़ों पर असर पड़ सकता है. हम रेट करने वालों की क्वालिटी की समीक्षा समय-समय पर करते रहते हैं, ताकि समीक्षा के फ़ैसले बिल्कुल सही हों.

2019 की पहली तिमाही से पहले, वीवीआर किसी दी गई तिमाही के आखिरी 28 दिनों में की गई समीक्षाओं के आधार पर तय होती थी (जैसे, 2018 की चौथी तिमाही में, 3 दिसंबर, 2018 से 31 दिसंबर, 2018 में वीडियो देखे जाने की कुल संख्या को आधार माना गया). इसे तिमाही के आखिरी दिनों के आंकड़ों के तौर पर देखा जाना चाहिए. 2019 की दूसरी तिमाही से, हम पूरी तिमाही की समीक्षाओं को एग्रीगेट करते हैं. COVID-19 की वजह से, 2020 की पहली तिमाही के आखिरी दो हफ़्तों और दूसरी तिमाही के पहले दो हफ़्तों के दौरान, वीवीआर समीक्षाओं के लिए रेटिंग देने वालों की संख्या कम हो गई थी. साथ ही, हम सभी नमूनों की समीक्षा नहीं कर पाए थे. इसलिए, शायद इस अवधि का डेटा सही न हो.

वीवीआर में किन नीतियों को शामिल किया जाता है?

उल्लंघन करने वाले वीडियो देखे जाने की दर उन वीडियो के लिए निकाली जाती है जिन्हें कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने की वजह से YouTube से हटा दिया जाना चाहिए था. इस मेट्रिक में, दिशा-निर्देशों का उल्लंघन न करने वाले ऐसे वीडियो शामिल नहीं होते जो चैनल को हटाए जाने की वजह से हटाए गए थे. हम स्पैम को भी मेट्रिक में शामिल नहीं करते, क्योंकि स्पैम वाले चैनल को हटाने से ज़्यादातर स्पैम हट जाते हैं. वीवीआर में लाइवस्ट्रीम भी शामिल नहीं होतीं. हालांकि, इसमें वे लाइवस्ट्रीम शामिल होती हैं जिन्हें मांग पर बनाए गए वीडियो में बदला गया हो.
true
मुख्य मेन्यू
13995115295900521798
true
खोज मदद केंद्र
true
true
true
false
false