Pixel 2 और Pixel 2 XL 2017 के लिए सुरक्षा और नियमों के पालन से जुड़ी गाइड

प्रॉडक्ट की जानकारी कहां मिलेगी

सुरक्षा से जुड़ी चेतावनियां

नियमों के पालन की जानकारी

अमेरिका

कनाडा

यूरोपीय संघ

ऑस्ट्रेलिया

भारत

सिंगापुर

सुलभता की जानकारी

प्रॉडक्ट की जानकारी कहां मिलेगी

इस गाइड में, सुरक्षा से जुड़े बुनियादी दिशा-निर्देशों के बारे में ज़्यादा जानकारी दी गई है. ये दिशा-निर्देश, Pixel 2 और Pixel 2 XL फ़ोन के साथ मिलने वाली उस बुकलेट में भी दिए गए हैं जिसमें सुरक्षा और वारंटी के बारे में बताया गया है. इसमें, Pixel 2 और Pixel 2 XL के बारे में सुरक्षा, नियमों के पालन, और वारंटी से जुड़ी अन्य जानकारी भी दी गई है.

  • सुरक्षा, पर्यावरण, और नियमों के पालन की जानकारी पाने के लिए, इस लिंक पर क्लिक करें: g.co/PixelSafetyInfo
  • आपने जिस देश में फ़ोन खरीदा है वहां मिलने वाली वारंटी की जानकारी पाने और उस पर दावा करने के निर्देश देखने के लिए, इस लिंक पर क्लिक करें: g.co/PixelPhoneWarranty
  • आपके डिवाइस के लिए, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस पर लागू होने वाले नियमों का पालन करने से जुड़े लेबल और स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की वैल्यू जानने के लिए: सेटिंग इसके बाद फ़ोन के बारे में जानकारी इसके बाद सुरक्षा और नियमों के पालन से जुड़ी गाइड पर जाएं
  • हर तरह की ऑनलाइन मदद पाने के लिए, इस लिंक पर क्लिक करें: g.co/pixelcare

कैलिफ़ोर्निया बैटरी चार्जर क्षमता

बैटरी चार्जिंग सिस्‍टम

सुरक्षा से जुड़ी चेतावनियां

सावधान चेतावनी: इस्तेमाल करने से पहले, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी जानकारी पढ़ें. ऐसा करने से कुछ खतरों से आपका बचाव हो पाएगा. इसमें चोट लगना, असुविधा होना, प्रॉपर्टी का नुकसान, और अन्य संभावित खतरे शामिल हैं. इसके अलावा, फ़ोन को भी नुकसान से बचाया जा सकेगा.

अपने फ़ोन, उसके साथ मिलने वाले सामान या उससे जुड़े किसी डिवाइस को नुकसान से बचाने के लिए, नीचे बताई गई सावधानियां बरतें. साथ ही, चोट लगने, असुविधा होने, प्रॉपर्टी के नुकसान या ऐसे दूसरे खतरों से बचने के लिए भी इन बातों का ध्यान रखें.

फ़ोन इस्तेमाल करने का तरीका

अपने फ़ोन का इस्तेमाल संभलकर करें. डिवाइस को खोलने, गिराने, मोड़ने, जलाने, कुचलने या उसमें छेद करने से, आपके डिवाइस या उसकी बैटरी को नुकसान पहुंच सकता है. टूटी हुई स्क्रीन वाला फ़ोन इस्तेमाल न करें. टूटा-फूटा फ़ोन इस्तेमाल करने से बैटरी ज़्यादा गर्म हो सकती है या इस्तेमाल करने वाले को चोट लग सकती है. अपने फ़ोन को पानी या दूसरी तरल चीज़ों से दूर रखें. इससे शॉर्ट सर्किट हो सकता है या फ़ोन ज़्यादा गर्म हो सकता है. अगर आपका फ़ोन भीग जाता है, तो उसे सुखाने के लिए किसी मशीन का इस्तेमाल न करें.

फ़ोन को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह 32° से 95°C (0° और 35°C) के तापमान के बीच सबसे अच्छी तरह काम करता है. इसे -4° और 113°F (-20° और 45°C) के बीच के तापमान में ही रखा जाना चाहिए. अपने फ़ोन को उन जगहों पर न रखें जहां तापमान 113°F (45°C) से ज़्यादा हो सकता है. जैसे, कार के डैशबोर्ड पर या हीटर के पास. ऐसा करने से फ़ोन को नुकसान हो सकता है, उसकी बैटरी ज़रूरत से ज़्यादा गर्म हो सकती है या उसमें आग भी लग सकती है. अपने फ़ोन को गर्म चीज़ों से दूर रखें और उसे सीधी धूप से बचाएं. अगर आपका डिवाइस चार्ज होते समय ज़्यादा गर्म हो जाता है, तो उसे चार्जिंग से हटा दें. इसके बाद, उसे किसी ठंडी जगह पर ले जाएं और तब तक इस्तेमाल न करें, जब तक वह ठंडा न हो जाए.

गेम खेलने, वीडियो बनाने या वीआर सुविधा जैसे कुछ खास मोड में इस्तेमाल करने पर, आपका फ़ोन सामान्य से ज़्यादा गर्म हो सकता है. इस वजह से हो सकता है कि आपका फ़ोन, कम पावर वाले मोड में काम करे या कुछ देर के लिए बंद हो जाए.

अगर फ़ोन ठीक से काम न कर रहा हो या उसे किसी तरह का नुकसान हुआ हो, तो ग्राहक सेवा से संपर्क करें और फ़ोन इस्तेमाल न करें.

देखभाल और साफ़-सफ़ाई का तरीका

सफ़ाई करने से पहले, बिजली कड़कने के दौरान या लंबे समय तक इस्तेमाल न होने पर डिवाइस और अडैप्टर को चार्जिंग से हटा दें. सॉल्वेंट (घुला देने वाले केमिकल) और खुरदरी चीज़ों से फ़ोन को दूर रखें. इन चीज़ों से फ़ोन को नुकसान पहुंच सकता है. मेकअप के सामान, केमिकल, और रंगी हुई चीज़ों (जैसे डेनिम) से हल्के रंग के फ़ोन कवर (केस) पर दाग लग सकता है. फ़ोन और उसके साथ मिलने वाले सामान की सफ़ाई करने के लिए साफ़, नर्म और सूखे या हल्के गीले कपड़े का इस्तेमाल करें. फ़ोन या उसके साथ मिलने वाली ऐक्सेसरी की सफ़ाई के लिए, किसी भी केमिकल वाले डिटर्जेंट, पाउडर या अन्य केमिकल एजेंट (जैसे, अल्कोहल या बेंज़ीन) का इस्तेमाल न करें. अपने फ़ोन को चार्ज करते समय उसे साफ़ न करें.

मरम्मत और सर्विस का तरीका

अपने फ़ोन की मरम्मत खुद करने की कोशिश न करें. फ़ोन को खोलने से उसकी पानी के असर से बचने की क्षमता खत्म हो सकती है या आपको चोट भी लग सकती है. उदाहरण के लिए, डिवाइस को खोलने पर इसमें मौजूद लेज़र में खराबी आ सकती है. इसकी न दिखने वाली खतरनाक लेज़र किरणें, आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं.

Pixel 2 और Pixel 2 XL की मरम्मत, सिर्फ़ Google या Google से मान्यता पा चुकी सेवा देने वाली कंपनी से ही कराई जानी चाहिए. जिन कंपनियों को मान्यता नहीं मिली है उनसे मरम्मत या बदलाव करवाने से डिवाइस हमेशा के लिए खराब हो सकता है. इससे फ़ोन की वारंटी और नियमों के तहत मिले आपके अधिकारों पर भी असर हो सकता है. मान्यता पा चुकी सेवा के लिए ग्राहक सेवा से संपर्क करें. ऑनलाइन मदद पाने और ग्राहक सहायता के लिए, g.co/PixelCare पर क्लिक करें.

चार्ज करने का तरीका

यह ध्यान रखें कि इस्तेमाल या चार्ज करते समय पावर अडैप्टर, Pixel 2, और Pixel 2 XL के आस-पास काफ़ी खुली जगह हो. खराब केबल या पावर अडैप्टर का इस्तेमाल करने या नमी वाली जगह पर चार्ज करने से बिजली का झटका या आग भी लग सकती है. इससे आपको चोट लग सकती है और फ़ोन या आस-पास की दूसरी चीज़ों को भी नुकसान पहुंच सकता है. यह ज़रूर जांच लें कि फ़ोन को चार्ज करते समय, पावर अडैप्टर फ़ोन के पास वाले सॉकेट में लगा हो और उस तक आसानी से पहुंचा जा सके. फ़ोन को ऐसी जगह चार्ज न करें जहां उस पर सीधी धूप पड़े. यह फ़ोन IEC 60950-1 रेटिंग वाली किसी प्रमाणित सीमित पावर सप्लाई (एलपीएस) के साथ इस्तेमाल के लिए बनाया गया है जिसमें: 5 वोल्ट डीसी, ज़्यादा से ज़्यादा 3 एंपीयर; 9 वोल्ट डीसी, ज़्यादा से ज़्यादा 2 एंपीयर; या दोनों हो सकती हैं. पावर अडैप्टर को सीटीआईए के सर्टिफ़िकेशन से जुड़ी ज़रूरी शर्तों को पूरा करना चाहिए. इसके लिए ज़रूरी है कि वह आईईई 1725 मानक के तहत तय बैटरी सिस्टम की शर्तों का पालन करे.

फ़ोन को उसके साथ मिले पावर अडैप्टर और केबल से ही चार्ज करें. इसके अलावा, फ़ोन को चार्ज करने के लिए, Google Store पर उपलब्ध उन ऐक्सेसरी का ही इस्तेमाल करें जो इस फ़ोन के साथ काम करती हों. सही चार्जिंग डिवाइस इस्तेमाल न करने पर आग लग सकती है, बिजली का झटका लग सकता है या आपको चोट भी लग सकती है. इससे फ़ोन या उसके साथ मिले दूसरे सामान को भी नुकसान पहुंच सकता है.

पावर अडैप्टर को पावर सॉकेट से निकालने के लिए, चार्जिंग केबल को न खींचें. सीधे अडैप्टर को सॉकेट से निकाल लें. यूएसबी केबल को न तो मोड़ें और न ही दबाएं. कनेक्टर को भी ज़बरदस्ती किसी पोर्ट में घुसाने की कोशिश न करें.

लंबे समय तक गर्म चीज़ के संपर्क में रहने पर

फ़ोन और उसका चार्जर सामान्य इस्तेमाल के दौरान थोड़े गर्म हो जाते हैं. ये दोनों, सतह के तापमान के लिए तय मानकों और पाबंदियों का पालन करते हैं. इस्तेमाल या चार्ज करते समय डिवाइस को लंबे समय तक, सीधे तौर पर या किसी और तरह से त्वचा के संपर्क में न रखें. ज़्यादा देर तक गर्म चीज़ों के संपर्क में रहने पर, आपको असुविधा या जलन महसूस हो सकती है. अपने फ़ोन या पावर अडैप्टर को पास रखकर न सोएं. साथ ही, उन्हें कंबल या तकिये से न ढकें. अगर आपको त्वचा पर गर्मी का जल्दी एहसास नहीं हो पाता है, तो इस समस्या के बारे में ज़्यादा सतर्क रहें.

चार्ज करने के दौरान, फ़्लैशलाइट सेटिंग इस्तेमाल करते वक्त या वीडियो रिकॉर्डिंग या वीआर जैसी सुविधाएं इस्तेमाल करते समय, आपका फ़ोन ज़्यादा गर्म हो सकता है. इन मोड में फ़ोन का इस्तेमाल करते समय ज़्यादा सावधानी बरतें.

कानों की सुरक्षा

लंबे समय तक तेज़ आवाज़ सुनते रहने से सुनने की क्षमता कम हो सकती है. इसमें संगीत सुनना भी शामिल है. कान को किसी तरह के नुकसान से बचाने के लिए, लंबे समय तक तेज़ आवाज़ में सुनने से बचें. लगातार तेज़ आवाज़ और बैकग्राउंड वाला शोर सुनते रहने पर, तेज़ आवाज़ भी धीमी लगने लगती है. हेडफ़ोन या इयरफ़ोन इस्तेमाल करने से पहले जांच लें कि आवाज़ कितनी है.

कानों की सुरक्षा

बैटरी

इस फ़ोन में लिथियम-आयन पॉलीमर या लिथियम-आयन बैटरी है, जो आईईईई 1725 मानक के मुताबिक है. बैटरी को खुद निकालने की कोशिश न करें. उसे बदलने के लिए, फ़ोन को Google से मान्यता पा चुके किसी सेवा केंद्र पर ले जाएं. गैर मान्यता वाली बैटरी का इस्तेमाल करने से आग लगने, विस्फोट होने, रिसाव होने या दूसरी तरह का खतरा हो सकता है. अगर बैटरी लीक हो रही है, तो उससे निकल रही तरल चीज़ को आंखों, त्वचा या कपड़ों पर न लगने दें. अगर वह पदार्थ आंखों में चला गया हो, तो आंखों को मसलें नहीं. आंखों को तुरंत साफ़ पानी से धोएं और डॉक्टर से संपर्क करें. लीक हो रही बैटरी को आग से दूर रखें क्योंकि इससे आग लगने या धमाका होने का खतरा होता है.

अपने फ़ोन, बैटरी, और उसके साथ मिले दूसरे सामान को स्थानीय नियमों के मुताबिक नष्ट करें. उन्हें सामान्य घरेलू कचरे में न डालें. गलत तरीके से फेंकने पर आग लगने, धमाका होने और/या दूसरी तरह के खतरे हो सकते हैं. बैटरी को बच्चों से दूर रखें.

पर्यावरण से जुड़ी पाबंदी

अपने फ़ोन के पुर्ज़ों या अंदर के सर्किट को नुकसान से बचाएं. इसके लिए, डिवाइस या इसके साथ मिली ऐक्सेसरी को धूल भरी, धुएं वाली, गीली या गंदी जगहों या चुंबकीय इलाके के आस-पास इस्तेमाल न करें और न ही ऐसी जगहों पर रखें. फ़ोन को गर्म चीज़ों से दूर रखें और उस पर सीधी धूप पड़ने से बचाएं. अपने फ़ोन को गाड़ी के अंदर या ऐसी जगहों पर न रखें जहां तापमान 113° फ़ैरनहाइट (45° सेल्सियस) से ज़्यादा हो. उदाहरण के लिए, कार के डैशबोर्ड पर, खिड़की की चौखट पर या किसी हीटिंग वेंट के पास. इसके अलावा, इसे ऐसे कांंच के पीछे न रखें जिस पर लंबे समय तक, सीधी धूप या तेज़ पराबैंगनी रोशनी पड़ती हो. इससे फ़ोन को नुकसान पहुंच सकता है, बैटरी ज़रूरत से ज़्यादा गर्म हो सकती है या आग लगने या धमाके का खतरा भी हो सकता है.

जिन जगहों पर जल्दी आग पकड़ने वाली या विस्फोटक चीज़ें रखी जाती हैं वहां अपना फ़ोन चार्ज या इस्तेमाल न करें. ऐसी जगहों पर उसे न रखें और न ही ले जाएं. उदाहरण के लिए, गैस स्टेशन, ईंधन डिपो या केमिकल प्लांट. जिन जगहों पर धमाके से जुड़े काम चल रहे हों वहां अपना फ़ोन इस्तेमाल न करें. साथ ही, धमाका होने की संभावना वाली जगहों पर भी इसका इस्तेमाल न करें. जैसे, ईंधन भरने की जगह, ईंधन के भंडार, जहाज़ों के सबसे निचले हिस्से, ईंधन या केमिकल ट्रांसफ़र करने की जगह या उन्हें स्टोर करके रखने की जगह हो सकती हैं. इसके अलावा, ऐसी जगहें जहां हवा में केमिकल या अनाज, धूल या धातु के कण मौजूद हों. ऐसी जगहों में चिंगारियों से धमाका होने या आग लगने का खतरा होता है. इससे, गंभीर चोट लग सकती है या मौत भी हो सकती है.

नेविगेट करने का तरीका

आपके डिवाइस में मैप करने और नेविगेट करने की सेवाएं हो सकती हैं.  इन सेवाओं के लिए, जगह की जानकारी और डेटा कनेक्शन उपलब्ध होना ज़रूरी है. हालांकि, ऐसा हो सकता है ये चीज़ें हर समय उपलब्ध न हों.  मैप और दिशा-निर्देश गलत भी हो सकते हैं.  अपनी सूझ-बूझ का इस्तेमाल करते हुए, दिशा-निर्देशों को ध्यान से देखें. साथ ही, ट्रैफ़िक के निशानों और लागू होने वाले सभी ट्रैफ़िक कानूनों का पालन करें.

असल हालात; इससे जुड़े जोखिम. Google Maps/Google Earth के मैप वाले डेटा, ट्रैफ़िक की जानकारी, दिशा-निर्देश, और अन्य कॉन्टेंट का इस्तेमाल करने पर, हो सकता है कि आपको असली हालात मैप में दिख रहे नतीजों और कॉन्टेंट से अलग दिखें. अपनी सूझ-बूझ से और अपनी ज़िम्मेदारी पर Google मैप/Google अर्थ इस्तेमाल करें. हर बार इसके इस्तेमाल और उससे मिले नतीजों के लिए, आप खुद ज़िम्मेदार होंगे.

ध्यान हटना

अगर आप कुछ खास तरह के काम करते समय फ़ोन इस्तेमाल करते हैं, तो आपका ध्यान उस काम से हट सकता है. यह आपके या दूसरों के लिए खतरनाक हो सकता है. कोई भी वाहन चलाते समय दुर्घटना के जोखिम को कम करने के लिए फ़ोन का इस्तेमाल न करें (और ज़्यादातर देशों में यह कानूनन जुर्म है). साथ ही, मशीन चलाते समय या ऐसा कोई भी काम करते समय अपना फ़ोन इस्तेमाल न करें जहां ऐसा करने से कोई बड़ा नुकसान हो सकता हो. मोबाइल फ़ोन, हेडफ़ोन और हेलमेट के इस्तेमाल से जुड़े स्थानीय कानूनों का पालन करें.

रेडियो फ़्रीक्वेंसी में रुकावट

वायरलेस टेक्नोलॉजी (जैसे मोबाइल नेटवर्क या वाई-फ़ाई) के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाले नियमों को मानें.  आपका डिवाइस, रेडियो फ़्रीक्वेंसी एनर्जी पर कंट्रोल रखने वाले नियमों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. इसके बाद भी, वायरलेस डिवाइसों का इस्तेमाल करने से अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को नुकसान हो सकता है.  उदाहरण के लिए, हवाई जहाज़ में सफ़र करते समय या उड़ान भरने से पहले, अपना डिवाइस एयरलाइन के निर्देशों के मुताबिक ही इस्तेमाल करें. हवाई जहाज़ में वायरलेस डिवाइस इस्तेमाल करने से वायरलेस नेटवर्क में रुकावट आ सकती है, हवाई जहाज़ चलाने में खतरा हो सकता है या ऐसा करना गैरकानूनी भी हो सकता है. हो सकता है कि आप अपना डिवाइस, हवाई जहाज़ मोड में कर पाएं.

मेडिकल डिवाइस में रुकावट

आपका फ़ोन, रेडियो और ऐसी दूसरी चीज़ों का इस्तेमाल करता है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड बनाती हैं. इनमें चुंबक का भी इस्तेमाल होता है. ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड और चुंबक, पेसमेकर या शरीर में लगे दूसरे मेडिकल डिवाइसों के लिए समस्या खड़ी कर सकते हैं. ये आस-पास मौजूद दूसरे मेडिकल डिवाइसों के काम में भी रुकावट डाल सकते हैं. फ़ोन और उसके चार्जर को हमेशा पेसमेकर के पास वाली त्वचा से 15 सेंटीमीटर (6 इंच) से ज़्यादा दूरी पर रखें. फ़ोन को पेसमेकर या शरीर में लगाए गए या आस-पास मौजूद किसी अन्य मेडिकल डिवाइस की तरफ़ न रखें.  फ़ोन को शर्ट की ऊपर वाली जेब में न रखें. इसके अलावा, पेसमेकर, शरीर में लगाए गए या आस-पास मौजूद मेडिकल डिवाइस के पास वाली जेब में भी न रखें.  अगर पेसमेकर, शरीर में लगाए गए या आस-पास मौजूद अन्य मेडिकल डिवाइस के साथ या इसके आस-पास अपना Google डिवाइस इस्तेमाल करने के बारे में आपको कोई सवाल पूछना है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें. अगर आपको लगता है कि आपका डिवाइस शरीर में लगे पेसमेकर या अन्य मेडिकल डिवाइस के काम में रुकावट डाल रहा है, तो उसे बंद कर दें. मेडिकल डिवाइस से जुड़ी खास जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें.

अस्पताल

अगर अस्पताल, दवाखाने या स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाएं देने वाली जगहों पर आपसे वायरलेस डिवाइस बंद करने का अनुरोध किया जाए, तो अपना डिवाइस कर दें. ये अनुरोध इसलिए किए जाते हैं, ताकि संवेदनशील मेडिकल उपकरण के काम में कोई रुकावट न आए.

विस्फोटक वाली जगहें

जिन जगहों पर जल्दी आग पकड़ने वाली या विस्फोटक चीज़ें रखी जाती हैं, वहां अपना फ़ोन इस्तेमाल न करें. ऐसी जगहों पर न उसे रखें और न ही ले जाएं. जैसे, गैस स्टेशन, ईंधन डिपो या केमिकल प्लांट. जिन जगहों पर धमाकों से जुड़े काम चल रहे हों या धमाका हो सकता है, वहां अपना वायरलेस डिवाइस इस्तेमाल न करें. ऐसी जगहों में चिंगारियों से धमाका होने या आग लगने का खतरा होता है. इससे, गंभीर चोट लग सकती है या मौत भी हो सकती है. ऐसी जोखिम वाली जगहों पर दी गई सभी सूचनाओं और वहां लगाए गए सभी संकेतों का पालन करें.

बच्चों की सुरक्षा

आपके फ़ोन में (या इसके साथ मिलने वाले सामान में) छोटे-छोटे पुर्ज़े, प्लास्टिक की चीज़ें और तेज़ धार वाले पुर्ज़े लगे हैं. इनसे चोट लग सकती है या गले में अटकने पर दम घुटने का खतरा भी हो सकता है. अपने फ़ोन और उसके साथ मिलने वाले सामान को छोटे बच्चों से दूर रखें या उन्हें इन चीज़ों से खेलने न दें. इससे वे खुद को या दूसरों को चोट पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा, उनसे गलती से फ़ोन खराब भी हो सकता है. अगर बच्चे छोटे पुर्ज़े निगल लें, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं.

आपातकालीन संचार

यह फ़ोन रेडियो सिग्नल के इस्तेमाल से चलता है और हो सकता है कि यह हर तरह के हालात में कनेक्ट न रह पाए. आपातकालीन संचार के लिए वायरलेस फ़ोन पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता. कुछ जगहों पर आपातकालीन जानकारी वायरलेस नेटवर्क पर भी भेजी जाती है, लेकिन यह ज़रूरी नहीं कि आपके डिवाइस को हमेशा यह जानकारी मिल पाए. ऐसा होना नेटवर्क कनेक्टिविटी और अन्य शर्तों पर निर्भर करता है.

स्वास्थ्य से जुड़े काम

आपका फ़ोन और उसमें मौजूद फ़िटनेस ऐप्लिकेशन, मेडिकल डिवाइस का काम नहीं करते हैं. ये सिर्फ़ जानकारी के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं. इन्हें बीमारी या ऐसी ही किसी अन्य स्थिति की पहचान करने के लिए नहीं बनाया गया है. साथ ही, इन्हें बीमारी से बचाने, उस पर नज़र रखने, उससे राहत पाने, उसके इलाज या रोकथाम के लिए भी नहीं बनाया गया है.

पानी के असर से बचने की क्षमता

आपका फ़ोन पानी से बच तो सकता है, लेकिन यह पानी से पूरी तरह सुरक्षित नहीं है. आपके फ़ोन को IEC 60529 मानक के तहत पानी से सुरक्षा की IPX7 रेटिंग मिली हुई है. आम तौर पर होने वाली टूट-फूट या फ़ोन को होने वाले दूसरे नुकसान से, इसकी पानी से बचने की ताकत घट सकती है. फ़ोन के चार्जर और इसके साथ मिलने वाले दूसरे सामान पर पानी का असर होता है. गीला होने पर फ़ोन को चार्ज न करें.

चुंबकीय क्षेत्र

अपने फ़ोन, इसके चार्जर या चार्ज करने वाली केबल के पास ऐसी जीच़ें न रखें जिनमें चुंबक हो या जिनपर चुंबकीय चीज़ों का असर होता हो. उदाहरण के लिए, क्रेडिट कार्ड, बैंक के कार्ड, ऑडियो/वीडियो टेप या चुंबकीय मेमोरी वाले डिवाइस. ऐसा करने से इन चीज़ों में मौजूद जानकारी खो सकती है. जिन चीज़ों में मौजूद जानकारी पर चुंबक का असर होता है, उन्हें इस फ़ोन से कम से कम 2 इंच (5 सेंटीमीटर) दूर रखना चाहिए.

रेडियो फ़्रीक्वेंसी वाली ऊर्जा का लोगों पर असर

किसी भी दूसरे फ़ोन की तरह, इस फ़ोन से भी इस्तेमाल के दौरान रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) ऊर्जा निकलती है. इंटरनेशनल कमीशन ऑन नॉन-आयनाइज़िंग रेडिएशन प्रोटेक्शन (आईसीएनआईआरपी) के मुताबिक, RF से लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ता है. इसके संपर्क में आने वाले शरीर के टिशू गर्म हो जाते हैं.

फ़ेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (एफ़सीसी) के मुताबिक: “स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दों के लिए काम करने वाले समूहों ने कुछ रिपोर्ट के हवाले से दावा किया है कि वायरलेस फ़ोन के इस्तेमाल से कैंसर और दूसरी बीमारियां हो सकती हैं. उनका कहना है कि इनसे बड़ों के मुकाबले बच्चों को ज़्यादा खतरा हो सकता है. इन दावों ने भले ही लोगों का ध्यान खींचा है, लेकिन अभी ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि वायरलेस फ़ोन के इस्तेमाल और कैंसर या दूसरी बीमारियों के बीच कोई संबंध है.”

हालांकि, RF के संपर्क में रहने के कुल समय के आधार पर एक खास स्तर (जिसे थ्रेशोल्ड कहा जाता है) से ज़्यादा देर तक संपर्क में रहने और उससे तापमान में होने वाली तेज़ी से स्वास्थ्य पर काफ़ी असर पड़ सकता है. जैसे, बहुत गर्मी से बेहोश हो सकते हैं और टिशू को नुकसान पहुंच सकता है (या टिशू जल सकते हैं). RF के ज़्यादा संपर्क में रहने से होने वाले खतरों से बचने के लिए, बुरा असर डालने के लिए पहचाने गए थ्रेशोल्ड की सीमाएं तय की गई हैं. इन सीमाओं को थोड़ा और कम कर दिया जाता है, ताकि उन प्रभावों से भी बचा जा सके जिन्हें लेकर विज्ञान अब तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाया है. इन सीमाओं को आम तौर पर स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (SAR) के रूप में बताया जाता है. SAR से शरीर में RF ऊर्जा जाने की दर का पता चलता है. जांचे गए सभी फ़्रीक्वैंसी बैंड में, सबसे ज़्यादा एनर्जी निकालने वाले फ़ोन को एसएआर की जांच में शामिल किया जाता है. एसएआर की सीमाएं सबसे पहले 1996 में अमेरिका में एफ़सीसी ने तय की थी. इसके बाद इन्हें दूसरी जगहों पर भी अपनाया गया.

एसएआर के बारे में ज़्यादा जानकारी आपको नीचे दी गईं वेबसाइट पर मिलेगी:

  • fcc.gov
  • icnirp.org
  • ec.europa.eu

Pixel 2 और Pixel 2 XL की जांच के बाद, इस बात का सर्टिफ़िकेट दिया गया है कि अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया या भारत में इन फ़ोन का एसएआर तय सीमा से ज़्यादा नहीं है. सिंगापुर में इस्तेमाल करने के लिए Pixel 2 XL की अलग से जांच की गई है और इस बात का सर्टिफ़िकेट दिया गया है कि वहां इस फ़ोन का एसएआर, तय सीमा से ज़्यादा नहीं है.  इन सभी जगहों पर एसएआर की वैल्यू कितनी होनी चाहिए, यह देखने के लिए अपने फ़ोन पर: सेटिंग > फ़ोन के बारे में जानकारी > नियमों के पालन से जुड़े लेबल पर जाएं.

सेवा और मदद

ऑनलाइन मदद पाने और ग्राहक सहायता के लिए, g.co/PixelCare पर क्लिक करें. फ़ोन ठीक कराने के लिए भेजने पर, उसके वापस मिलने तक आपको अपने फ़ोन की जगह दूसरा फ़ोन मिल सकता है.

नियमों के पालन की जानकारी

Pixel 2/Pixel 2 XL के लिए नियमों के पालन की जानकारी, सर्टिफ़िकेट, और नियमों के पालन से जुड़े खास निशान, आपके डिवाइस की सेटिंग इसके बाद फ़ोन के बारे में जानकारी इसके बाद नियमों के पालन से जुड़े लेबल पर और आपके डिवाइस के पीछे मिलेंगे.

ईएमसी के पालन से जुड़ी जानकारी

ध्यान दें: यह फ़ोन, इसका पावर अडैप्टर और इसके बॉक्स में मिलने वाले दूसरे सामान, कई स्थितियों में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कम्पैटिबिलिटी (ईएमसी) का पालन करते हैं. उदाहरण के लिए: खास उनके साथ काम करने के लिए बनाए गए डिवाइस और सुरक्षित केबल का इस्तेमाल इन स्थितियों में शामिल है. यह ज़रूरी है कि सिस्टम की चीज़ों के लिए खास उनके साथ काम करने के लिए बनाए गए डिवाइस और सुरक्षित केबल ही इस्तेमाल किए जाएं. इससे रेडियो, टेलीविज़न और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में होने वाली रुकावट कम की जा सकती है.

नियम की जानकारी: संयुक्त राज्य अमेरिका

एफ़सीसी के नियमों के पालन से जुड़ी जानकारी

ध्यान दें: इस फ़ोन की जांच करके तय हुआ है कि यह एफ़सीसी (फ़ेडरल कम्यूनिकेशन कमीशन) के नियमों के भाग 15 के मुताबिक, क्लास बी के डिजिटल डिवाइस की पाबंदियों का पालन करता है. इन पाबंदियों को लागू करने का मकसद है कि ऐसी किसी भी जगह में नुकसान पहुंचाने वाली रुकावट से सुरक्षा मिल सके जहां लोग रहते हैं. यह उपकरण, रेडियो फ़्रीक्वेंसी एनर्जी पैदा करता है, उसका इस्तेमाल करता है, और उसे फैला भी सकता है. अगर इसे निर्देशों के मुताबिक इंस्टॉल और इस्तेमाल नहीं किया जाता है, तो यह रेडियो कम्यूनिकेशन में नुकसान पहुंचाने वाली रुकावट पैदा कर सकता है. हालांकि, इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि किसी खास तरीके से इंस्टॉल करने पर कोई रुकावट नहीं आएगी. इस फ़ोन से रेडियो या टेलिविज़न के सिग्नल में नुकसान पहुंचाने वाली रुकावटें आ रही हैं या नहीं, इसका पता फ़ोन को चालू या बंद करके लगाया जा सकता है. रुकावट को ठीक करने के लिए, उपयोगकर्ता यहां दिए गए एक या एक से ज़्यादा तरीके आज़मा सकते हैं:

  • सिग्नल पाने वाले एंटिना को हिलाएं या उसकी जगह बदलें.

  • फ़ोन के और सिग्नल पाने वाले एंटिना के बीच की दूरी बढ़ाएं.

  • जिस सर्किट में रिसीवर को कनेक्ट किया गया है, फ़ोन को उसके अलावा किसी और सर्किट से कनेक्ट करें.

  • मदद के लिए डीलर या रेडियो/टीवी के अनुभवी से सलाह लें.

जो बदलाव या सुधार साफ़ तौर पर Google ने मंज़ूर नहीं किए हैं उन्हें इस्तेमाल करने पर फ़ोन चलाने का आपका अधिकार खत्म हो सकता है.

यह फ़ोन एफ़सीसी के नियमों के भाग 15 का पालन करता है. नीचे दी गई दो शर्तों को मान कर ही इसे चलाया जा सकता है:

  1. इस फ़ोन की वजह से किसी हानिकारक रुकावट की संभावना न हो.
  2. इस फ़ोन को आने वाली किसी भी रुकावट का सामना करना होगा. इसमें वैसी रुकावट भी शामिल हैं जिनसे कुछ अनचाही कार्रवाई हो सकती है.

रेडियो फ़्रीक्वेंसी से संपर्क

यह फ़ोन रेडियो तरंगों के संपर्क के बारे में बनाए गए संयुक्त राज्य अमेरिका के फ़ेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (एफ़सीसी) के नियमों का पालन करता है. इसे एफ़सीसी की रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) ऊर्जा के संपर्क को लेकर तय की गई पाबंदियों के हिसाब से बनाया गया है. एफ़सीसी के RF प्रसार के पालन से जुड़ी शर्तें पूरी करने के लिए, कुछ बातों को फॉलो करना ज़रूरी है. उदाहरण के लिए: इसे शरीर पर पहने जाने वाली चीज़ों में सिर्फ़ बेल्ट पर लगने वाले क्लिप, होल्सटर या उनसे मिलती-जुलती उन चीज़ों पर ही लगा कर इस्तेमाल करना चाहिए, जिनमें धातु बिल्कुल न हो. साथ ही, यह पक्का करना ज़रूरी है कि इन चीज़ों की वजह से फ़ोन (एंटिना समेत) और इस्तेमाल करने वाले के शरीर के बीच कम से कम 10 मिमी की दूरी हो.

स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की जानकारी

यह फ़ोन रेडियो तरंगों के संपर्क के बारे में बनाए गए फ़ेडरल कम्युनिकेशंस कमीशन (संयुक्त राज्य अमेरिका) के नियमों का पालन करता है.

अमेरिका की अपनाई गई एसएआर सीमा एक ग्राम के टिशू के लिए औसतन 1.6 वाट/कि.ग्रा. है. इस डिवाइस टाइप के लिए एफ़सीसी को रिपोर्ट की गई, एसएआर की सबसे ज़्यादा वैल्यू इस सीमा के अंदर है.  जब Pixel 2 और Pixel 2 XL को कान के पास या शरीर से 0.4 इंच (1.0 सें॰मी॰) की दूरी पर रखा जाता है, तो ये रेडियो फ़्रीक्वेंसी से जुड़े निर्देशों का पालन करते हैं.  पक्का करें कि डिवाइस के साथ मिलने वाली अन्य ऐक्सेसरी, जैसे कि डिवाइस का केस और इसका होल्स्टर, धातु से बने हुए न हों. दूरी से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करने के लिए, डिवाइस को अपने शरीर से दूर रखें.

एफ़सीसी को रिपोर्ट किए गए Pixel 2 के ज़्यादा से ज़्यादा एसएआर मान इस प्रकार हैं:

  • 0.93 वॉट/कि॰ग्रा॰, जब आपने इसे कान पर लगाया हुआ हो
  • 1.14 वॉट/कि॰ग्रा॰, जब यह शरीर के संपर्क में हो  (0.4 इंच (1.0 सें॰मी॰) की दूरी पर)) 

Pixel 2 XL के लिए एफ़सीसी को रिपोर्ट की गई, एसएआर की ज़्यादा से ज़्यादा वैल्यू इस तरह से हैं:

  • 1.00 वाट/कि.ग्रा., जब आपने इसे कान पर लगाया हुआ हो
  • 1.18 वाट/कि.्ग्रा., जब शरीर के बिल्कुल नज़दीक हो (0.4 इंच (1.0 सेंटीमीटर) की दूरी पर)

क्लास 1 लेज़र फ़ोन

Pixel 2 और Pixel 2 XL में क्लास 1 लेज़र मॉड्यूल लगा है, जिस पर IEC 60825-1:2007 और IEC 60825-1:2014 लागू होते हैं. फ़ोन में ऐसे ऑप्टिक्स और सुरक्षा देने वाले केस लगे हैं जिनसे क्लास 1 से ज़्यादा स्तर के लेज़र रेडिएशन का खतरा नहीं है. इन फ़ोन में लगे लेज़र मॉड्यूल 24 जून, 2007 के लेज़र नोटिस सं. 50 में बताए गए अंतरों के अलावा, सभी 21 CFR 1040.10 और 1040.11 FDA-मानकों का पालन करते हैं.

Pixel 2 और Pixel 2 XL लेज़र मॉड्यूल: चीन में बनाए गए. STMicroelectronics (R&D) Ltd., 33 Pinkhill, Edinburgh EH12 7BF, United Kingdom

मरम्मत या फ़ोन खुलने के दौरान लेज़र को नुकसान हो सकता है. इसकी वजह से नज़र न आने वाली खतरनाक इन्फ़्रारेड लेज़र किरणें फ़ैल सकती हैं. इसलिए, इस फ़ोन की मरम्मत Google या Google से मान्यता पा चुकी सेवा देने वाली कंपनी से ही करानी चाहिए.

क्लास 1 लेज़र फ़ोन

कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा (एचएसी)

Pixel 2 और Pixel 2 XL फ़ोन की जांच एएनएसआई C63.19 तकनीकी निर्देशों के मुताबिक की गई है. साथ ही, इन फ़ोन के लिए यह सर्टिफ़िकेट दिया गया है कि कान की मशीनें, इनके साथ काम करती हैं.  कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा को मापने के दो तरीके हैं:

M रेटिंग, सभी आवाज़ों को सुनाने वाली कान की मशीनों के लिए, रेडियो फ़्रीक्वेंसी में आने वाली रुकावटों से बचाव का पैमाना है;
T रेटिंग, फ़ोन को इंडक्टिव कपलिंग (टेलीकॉइल) की सुविधा देने वाली कान की मशीनों के साथ इस्तेमाल करने पर, फ़ोन की परफ़ॉर्मेंस का पैमाना है.

कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा वाले, Google के डिवाइस:

  • Pixel 2 M4/T3
  • Pixel 2 XL M4/T3

एफ़सीसी नियमों के मुताबिक, किसी मोबाइल फ़ोन को कान की मशीन के साथ काम करने लायक तब माना जाता है जब उसे सभी आवाज़ें सुनाने के लिए M3 या M4, या सिर्फ़ टेलीकॉइल के ज़रिए आने वाली (टेलीफ़ोन वाली) आवाज़ें सुनाने के लिए T3 या T4 रेट किया गया हो.

Pixel 2 और Pixel 2 XL को कान की मशीनों के साथ इस्तेमाल की जाने वाली कुछ वायरलेस तकनीकों के लिए जाँचा और रेट किया गया है. हालांकि, हो सकता है कि इन फ़ोन में कुछ नई वायरलेस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया हो और वे कान की मशीनों के साथ काम करती हैं या नहीं, इस बात की जांच न की गई हो. यह ज़रूरी है कि आप अपनी कान की मशीन या कॉकलीयर इम्प्लांट का इस्तेमाल करके, इस फ़ोन की अलग-अलग सुविधाएं अच्छी तरह से और अलग-अलग जगहों पर आज़मा लें. इससे यह पता चल जाएगा कि कहीं आपको कोई रुकावट वाली आवाज़ तो नहीं सुनाई दे रही. कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा से जुड़ी जानकारी के लिए, अपनी सेवा देने वाली कंपनी या Google से संपर्क करें. अगर लौटाने या अदला-बदली से जुड़ी नीतियों के बारे में आपका कोई भी सवाल है, तो अपनी सेवा देने वाली कंपनी या जिस विक्रेता से आपने फ़ोन खरीदा हो, उससे संपर्क करें.

वाई-फ़ाई इस्तेमाल किए जाने पर, कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा के आधार पर इन डिवाइसों की रेटिंग नहीं की गई है. Google के डिवाइस, कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा (एचएसी) के लिए तय की गई फ़ेडरल कम्यूनिकेशन कमीशन (एफ़सीसी) की ज़रूरी शर्तें पूरी करते हैं.

रीसाइकल करना

अमेरिका में रीसाइकल करने से जुड़ी जानकारी के लिए, g.co/HWRecyclingProgram पर क्लिक करें.

नियम की जानकारी: कनाडा

इंडस्ट्री कनाडा, क्लास बी

यह क्लास बी डिजिटल डिवाइस, कनाडा के ICES-003.CAN ICES-3(B)/NMB-3(B) के मुताबिक है.

Cet appareil numérique de la classe B est conforme à la norme NMB-003 du Canada.

ध्यान दें: इंडस्ट्री कनाडा के नियमों के मुताबिक, ऐसे बदलाव करने से इस उपकरण को चलाने का आपका अधिकार खत्म हो सकता है जिनके लिए Google ने साफ़ तौर पर मंज़ूरी नहीं दी है.

इंडस्ट्री कनाडा (आईसी) से जुड़े नोटिस

Pixel 2 और Pixel 2 XL रेडियो स्टैंडर्ड स्पेसिफ़िकेशन (आरएसएस) मानक (या मानकों) के अलावा इनोवेशन, साइंस एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट कनाडा (आईएसईडी या आईसी) के लाइसेंस का पालन करते हैं. नीचे बताई गईं इन दो शर्तों को पूरा करने पर ही ये डिवाइस काम करेंगे: (1) इन डिवाइसों की वजह से कोई रुकावट पैदा नहीं होनी चाहिए और (2) कोई रुकावट आने पर भी उन्हें काम करते रहना चाहिए. इसमें ऐसी रुकावट भी शामिल है जिसकी वजह से डिवाइस के काम करने के तरीके में कोई अनचाहा बदलाव आ सकता है.

Le présent appareil est conforme aux CNR d'Industrie Canada applicables aux appareils radio exempts de licence. L'exploitation est autorisée aux deux conditions suivantes: (1) l'appareil ne doit pas produire de brouillage, et (2) l'utilisateur de l'appareil doit accepter tout brouillage radioélectrique subi, même si le brouillage est susceptible d'en compromettre le fonctionnement.

इंडस्ट्री कनाडा के नियमों के तहत, हो सकता है कि इस डिवाइस के रेडियो ट्रांसमीटर सिर्फ़ तब काम करें, जब खास ऐंटीना इस्तेमाल किया जाए. खास का मतलब यहां ऐसा ऐंटीना है जिसका टाइप और सिग्नल भेजने की उसकी क्षमता, ट्रांसमीटर के लिए इंडस्ट्री कनाडा की दी गई मंज़ूरी के मुताबिक हो. अन्य उपयोगकर्ताओं को रेडियो फ़्रीक्वेंसी से कम से कम रुकावट हो, इसके लिए ऐंटीना का टाइप और सिग्नल भेजने की उसकी क्षमता को सोच-समझकर चुना जाना चाहिए. इन्हें चुनते समय, इस बात को ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इक्विवैलेंट आइसोट्रॉपिकली रेडिएटेड पावर (e.i.r.p.) उतनी ही हो जितनी सही से बातचीत करने के लिए ज़रूरी है.

चेतावनी:
(i) जब यह डिवाइस 5150-5250 मेगाहर्ट्ज़ बैंड में काम कर रहा हो, तो इसका इस्तेमाल सिर्फ़ बंद जगह में करना चाहिए. इससे, अन्य चैनलों के मोबाइल सैटलाइट सिस्टम में नुकसान पहुंचाने वाली रुकावट आने का खतरा कम हो जाता है;

(ii) 5250-5350 मेगाहर्ट्ज़ और 5470-5725 मेगाहर्ट्ज़ बैंड वाले डिवाइसों के लिए, ऐंटीना गेन (ऐंटीना से सिग्नल भेजने की क्षमता) की मंज़ूर की गई ज़्यादा से ज़्यादा वैल्यू, e.i.r.p. की सीमा के मुताबिक होनी चाहिए; और

(iii) 5725-5825 मेगाहर्ट्ज़ बैंड वाले डिवाइसों के लिए, ऐंटीना गेन (ऐंटीना से सिग्नल भेजने की क्षमता) की मंज़ूर की गई ज़्यादा से ज़्यादा वैल्यू, e.i.r.p. की उन सीमाओं के मुताबिक होनी चाहिए जो पॉइंट-टू-पॉइंट और गैर पॉइंट-टू-पॉइंट कम्यूनिकेशन के लिए तय की गई हैं.

(iv) उपयोगकर्ताओं को यह भी बताया जाना चाहिए कि ज़्यादा पावर वाले रेडार, 5250–5350 मेगाहर्ट्ज़ और 5650–5850 मेगाहर्ट्ज़ बैंड के मुख्य उपयोगकर्ता (यानी प्राथमिकता वाले उपयोगकर्ता) के तौर पर बांटे गए हैं. इन रेडारों से LE-LAN वाले डिवाइसों में रुकावट आ सकती है और/या नुकसान पहुंच सकता है.

Le guide d’utilisation des dispositifs pour réseaux locaux doit inclure des instructions précises sur les restrictions susmentionnées, notamment :

(i) les dispositifs fonctionnant dans la bande 5 150-5 250 MHz sont réservés uniquement pour une utilisation à l’intérieur afin de réduire les risques de brouillage préjudiciable aux systèmes de satellites mobiles utilisant les mêmes canaux;

(ii) le gain maximal d’antenne permis pour les dispositifs utilisant les bandes 5 250-5 350 MHz et 5 470-5 725 MHz doit se conformer à la limite de p.i.r.e.;

(iii) le gain maximal d’antenne permis (pour les dispositifs utilisant la bande 5 725-5 825 MHz) doit se conformer à la limite de p.i.r.e. spécifiée pour l’exploitation point à point et non point à point, selon le cas.

(iv) les radars de haute puissance sont désignés utilisateurs principaux (c.-à-d., qu’ils ont la priorité) pour les bandes 5 250-5 350 MHz et 5 650-5 850 MHz et que ces radars pourraient causer du brouillage et/ou des dommages aux dispositifs LAN-EL.

स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की जानकारी

Pixel 2 और Pixel 2 XL की रेडिएटेड आउटपुट पावर, इंडस्ट्री कनाडा (आईसी) की रेडियो फ़्रीक्वेंसी संपर्क के लिए तय ज़्यादा से ज़्यादा सीमा से कम है. इन फ़ोन को आईसी रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) संपर्क की सीमाओं के लिए जाँचा गया है और ये उनके मुताबिक हैं. इन डिवाइसों का इस्तेमाल इस तरीके से किया जाना चाहिए कि सामान्य इस्तेमाल के दौरान ये शरीर के कम से कम संपर्क में आएं.

जब आप Pixel 2 और Pixel 2 XL में से किसी भी फ़ोन को अपने बिल्कुल करीब रखकर इस्तेमाल कर रहे हों (आपके हाथ में या कान पर लगाने के अलावा) तो उसे अपने शरीर से कम से कम 10 मिमी की दूरी पर रखें ताकि आप हर फ़ोन को परखकर तय की गई RF संपर्क की ज़रूरतों को पूरा कर सकें. पक्का करें कि डिवाइस के साथ मिलने वाली अन्य ऐक्सेसरी, जैसे कि डिवाइस का केस और इसका होल्स्टर, धातु से बने हुए न हों.

आईसी को रिपोर्ट किए गए Pixel 2 के ज़्यादा से ज़्यादा एसएआर मान इस प्रकार हैं:

  • 0.93 वॉट/कि॰ग्रा॰, जब आपने इसे कान पर लगाया हुआ हो
  • 1.14 वाट/कि.ग्रा., जब यह शरीर के काफ़ी नज़दीक हो

आईसी को रिपोर्ट किए गए Pixel 2 XL के ज़्यादा से ज़्यादा एसएआर मान इस प्रकार हैं:

  • 0.98 वाट/कि.ग्रा., जब आपने इसे कान पर लगाया हुआ हो
  • 1.18 वॉट/कि॰ग्रा॰, जब यह शरीर के संपर्क में हो

इस डिवाइस को कनाडा में इस्तेमाल करने के लिए सर्टिफ़िकेट दिया गया है. इंडस्ट्री कनाडा की REL (रेडियो उपकरण सूची) में इस उपकरण की स्थिति, इस वेब पते पर देखी जा सकती है: http://www.ic.gc.ca/app/sitt/reltel/srch/nwRdSrch.do

आरएफ़ एनर्जी के असर के बारे में कनाडा से जुड़ी ज़्यादा जानकारी, इस वेब पते पर भी मिल सकती है: http://www.ic.gc.ca/eic/site/smt-gst.nsf/eng/sf08792.html

नियमों की जानकारी: यूरोपीय संघ (ईयू)

फ़्रीक्वेंसी बैंड और पावर

यूरोपीय संघ, यूनाइटेड किंगडम
रेडियो उपकरण के इस्तेमाल के लिए, फ़्रीक्वेंसी बैंड (एक या एक से ज़्यादा) में ट्रांसमिट की जाने वाली ज़्यादा से ज़्यादा रेडियो फ़्रीक्वेंसी पावर की जानकारी यहां दी गई है.

Pixel 2:

फ़्रीक्वेंसी

पावर

वाई-फ़ाई 2 400-2 483,5 मेगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 20 dBm

वाई-फ़ाई 5 150-5 250 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 20 dBm

वाई-फ़ाई 5 250-5 350 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 20 dBm

वाई-फ़ाई 5 470-5 725 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 20 dBm

ब्लूटूथ: 2 400-2 483,5 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 10 dBm

NFC 13.56 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा -13 dBuA/m

GSM 900

PC4 (ज़्यादा से ज़्यादा 33 dBm)

GSM 1800

PC1 (ज़्यादा से ज़्यादा 30 dBm)

UMTS बैंड I/VIII

PC3 (ज़्यादा से ज़्यादा 23 dBm)

LTE:1, 3, 7, 8, 20, 28, 38, 40

PC3 (ज़्यादा से ज़्यादा 24 dBm)

Pixel 2 XL:

फ़्रीक्वेंसी

पावर

वाई-फ़ाई 2 400-2 483,5 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 19 dBm

वाई-फ़ाई 5 150-5 250 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 20 dBm

वाई-फ़ाई 5 250-5 350 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 19.5 dBm

वाई-फ़ाई 5 470-5 725 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 19 dBm

ब्लूटूथ: 2 400-2 483,5 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा 7 dBm

NFC 13.56 मैगाहर्ट्ज़

ज़्यादा से ज़्यादा -22 dBuA/m

GSM 900

PC4 (ज़्यादा से ज़्यादा 33.5 dBm)

GSM 1800

PC1 (ज़्यादा से ज़्यादा 30 dBm)

UMTS बैंड I/VIII

PC3 (ज़्यादा से ज़्यादा 24.5 dBm)

LTE:1, 3, 7, 8, 20, 28, 38, 40

PC3 (ज़्यादा से ज़्यादा 25 dBm)

5 गीगाहर्ट्ज़ बैंड में पाबंदियां

अगर इन फ़ोन का इस्तेमाल 5150 से 5350 मेगाहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी के बीच किया जा रहा है, तो इन्हें खुले में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. इस तरह दूसरे चैनलों के मोबाइल उपग्रह सिस्टम में आने वाली हानिकारक रुकावट को कम किया जा सकता है.

रेडियो फ़्रीक्वेंसी में रुकावट

इस तरह के फ़ोन या इनके साथ आने वाले दूसरे सामान के साथ की गई किसी छेड़छाड़ की वजह से या Google के बताए हुए केबल और फ़ोन के अलावा, दूसरे केबल और फ़ोन को जोड़ने या बदलने से होने वाली किसी भी रेडियो या टेलिविज़न से जुड़ी रुकावट के लिए, Google ज़िम्मेदार नहीं है. अस्वीकार किए गए बदलाव, बदले गए या जोड़े गए केबल, और फ़ोन के इस्तेमाल की वजह से आने वाली रुकावटों के लिए इस्तेमाल करने वाले खुद ज़िम्मेदार होते हैं. अगर इस्तेमाल करने वाले इन दिशा-निर्देशों को नहीं मानते हैं, तो उसकी वजह से होने वाले किसी भी नुकसान या सरकारी नियमों के उल्लंघन के लिए, Google और वे विक्रेता ज़िम्मेदार नहीं हैं, जिन्हें Google ने ये फ़ोन बेचने का अधिकार दिया है.

यूरोपीय संघ के निर्देशों के पालन की सूचना

Google Inc. घोषित करता है कि Pixel 2 और Pixel 2 XL 2014/53/EU निर्देश (रेडियो फ़ोन दिशानिर्देश) का पालन करते हैं. शर्तों के पालन की पूरी घोषणा नीचे दी गई है:

शर्तों के पालन की घोषणा (Pixel 2)

शर्तों के पालन की घोषणा (पेज 2 में से 1)

Declaration of Conformity 2017 page 1

 

शर्तों के पालन की घोषणा (पेज 2 में से 2)

Declaration of Conformity 2017 page 2

 

शर्तों के पालन की घोषणा (Pixel 2 XL)

शर्तों के पालन की घोषणा (पेज 2 में से 1)

Declaration of Conformity 2017 page 1

 

शर्तों के पालन की घोषणा (पेज 2 में से 2)

Declaration of Conformity 2017 page 2

 

 

2014/53/EU निर्देश के तहत पाबंदियां और ज़रूरतें

यह फ़ोन सिर्फ़ कमरे के अंदर तब इस्तेमाल किया जाना चाहिए जब यह AT, BE, BG, CY, CZ, DE, DK, EE, EL, ES, FI, FR, HR, HU, IE, IT, LT, LU, LV, MT, NL, PL, PT, RO, SE, SI, SK, UK, CH, IS, LI, NO, TR में 5150 से 5350 मैगाहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी रेंज में काम कर रहा हो.

यूरोपीय अनुरूपता

स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की जानकारी - यूरोपीय संघ (ईयू)

ये फ़ोन सामान्य क्लास बी के घरेलू माहौल में इस्तेमाल के लिए तय किए गए हैं.

जब Pixel 2 और Pixel 2 XL को कान के पास या शरीर से 0.5 सें॰मी॰ की दूरी पर रखा जाता है, तो ये रेडियो फ़्रीक्वेंसी से जुड़े निर्देशों का पालन करते हैं.  पक्का करें कि डिवाइस के साथ मिलने वाली अन्य ऐक्सेसरी, जैसे कि डिवाइस का केस और इसका होल्स्टर, धातु से बने हुए न हों. दूरी से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करने के लिए, डिवाइस को अपने शरीर से दूर रखें. जाँच करने पर पाया गया है कि Pixel 2 को कान के पास इस्तेमाल करने पर एसएआर मान ज़्यादा से ज़्यादा 0.72 वाट/केजी है, और शरीर के बहुत नज़दीक होने पर यह मान 0.87 वाट/केजी है. जब Pixel 2 XL की जाँच की गई तो पाया गया कि इसे कान के पास इस्तेमाल करने पर एसएआर मान ज़्यादा से ज़्यादा 0.61 वाट/कि.ग्रा. है, और शरीर के बहुत नज़दीक होने पर 1.08 वाट/कि.ग्रा. है.

वेस्ट इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक इक्विपमेंट (डब्ल्यूईईई) और बैटरी से जुड़े निर्देश

बैटरी को कूड़ेदान में ना डालें

खराब इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण (डब्ल्यूईईई) से जुड़े डायरेक्टिव के मुताबिक यह ज़रूरी है कि सभी इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों (ईईई) पर कचरे के पहिए वाली ऐसी बाल्टी बनी हो जिस पर क्रॉस का निशान लगा हो. इन उपकरणों में आपका फ़ोन और उसके साथ मिलने वाली ऐक्सेसरी भी शामिल हैं. इस निशान का मतलब है कि इन उपकरणों को आम घरेलू कचरे के रूप में नष्ट नहीं किया जाना चाहिए. ईईई और उनकी बैटरी में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीज़ों की वजह से, डब्ल्यूईईई को आम कचरे के साथ नष्ट करने से पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है.

डब्ल्यूईईई डायरेक्टिव के मुताबिक, यूरोपीय संघ के हर सदस्य देश की यह ज़िम्मेदारी है कि वह खराब इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अच्छी-खासी मात्रा में इकट्ठा करे और उनमें से ऐसी चीज़ें निकाले जिनका इस्तेमाल किया जा सकता हो. साथ ही, यह भी ज़रूरी है कि हर सदस्य देश, पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना खराब उपकरणों को नष्ट करे. अपना डिवाइस फेंकने से पहले, डब्ल्यूईईई की मात्रा को कम करने के बारे में थोड़ा सोचें. उदाहरण के लिए, आप उसका फिर से इस्तेमाल कर सकते हैं, उसे ठीक करवा सकते हैं या किसी और तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं. अपने फ़ोन को और ज़्यादा समय तक इस्तेमाल करके, आप कचरा कम करेंगे और यूरोपीय संघ के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेंगे.

यूरोपीय संघ की इस नीति की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि आप अपने डब्ल्यूईईई को, इस तरह के कचरे को नष्ट करने के लिए बनी सुविधाओं के पास लौटाने में कितना अहम योगदान देते हैं. इन्हें लौटाने और जमा करने की उपलब्ध जगहों की जानकारी के लिए, आपको अपने स्थानीय सरकारी विभाग से या जिस दुकानदार से आपने फ़ोन खरीदा हो उससे संपर्क करना चाहिए.

RoHS के नियमों का पालन

यह फ़ोन, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक फ़ोन (आरओएचएस) में कुछ खास खतरनाक चीज़ों के इस्तेमाल पर रोक और उसके बदलावों पर यूरोपीय संसद के 2011/65/EU दिशा-निर्देश, और 8 जून 2011 की काउंसिल के निर्देशों के मुताबिक है.

आरईएसीएच

आरईएसीएच (रजिस्ट्रेशन, इवैल्यूएशन, ऑथराइज़ेशन एंड रिस्ट्रिक्शन ऑफ़ केमिकल्स, EC नंबर 1907/2006) यूरोपीय संघ का वह नियम है जो केमिकल को सुरक्षित तरीके से तैयार करने और उसके इस्तेमाल से जुड़ा है. Google इस नियम की सभी शर्तों का पालन करता है. साथ ही, हम अपने ग्राहकों को आरईएसीएच के बहुत ज़्यादा जोखिम वाले पदार्थों (SVHCs) की उपस्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए तैयार हैं. ज़्यादा जानकारी के लिए, आप Env-Compliance@google.com पर Google से संपर्क कर सकते हैं.

यूरोपीय संघ के नियमों के पालन से जुड़े मामलों की जानकारी के लिए, इनसे संपर्क किया जा सकता है: Google Commerce Limited, 70 Sir John Rogerson's Quay, Dublin 2, Ireland.

फ़ोन बनाने वाली कंपनी की जानकारी

बनाने वाली कंपनी: Google Inc., 1600 Amphitheatre Parkway Mountain View, CA, USA 94043

फ़ोन इंपोर्ट करने वाली कंपनी की जानकारी

इंपोर्ट करने वाली कंपनी: Google Commerce Limited, 70 Sir John Rogerson’s Quay, Dublin 2, Ireland

नियम की सूचना: ऑस्ट्रेलिया

स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की जानकारी

जब Pixel 2 और Pixel 2 XL को कान के पास या शरीर से 0.5 सें॰मी॰ की दूरी पर रखा जाता है, तो ये रेडियो फ़्रीक्वेंसी से जुड़े निर्देशों का पालन करते हैं. पक्का करें कि डिवाइस के साथ मिलने वाली अन्य ऐक्सेसरी, जैसे कि डिवाइस का केस और इसका होल्स्टर, धातु से बने हुए न हों. दूरी से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करने के लिए, डिवाइस को अपने शरीर से दूर रखें. जाँच करने पर पाया गया है कि Pixel 2 को कान के पास इस्तेमाल करने पर एसएआर मान ज़्यादा से ज़्यादा 0.74 वाट/कि.ग्रा. है, और शरीर के काफ़ी नज़दीक होने पर यह मान 0.92 वाट/कि.ग्रा. है. जब Pixel 2 XL के लिए जाँच की गई तो पाया गया कि कान के पास इस्तेमाल करने पर एसएआर मान ज़्यादा से ज़्यादा 0.61 वाट/कि.ग्रा. है, और शरीर के काफ़ी नज़दीक होने पर यह मान 1.08 वाट/कि.ग्रा. है.

जब ये डिवाइस 5150 से 5350 मेगाहर्ट्ज़ फ़्रीक्वेंसी रेंज के बीच काम कर रहे हों, तो इनके WLAN फ़ंक्शन को सिर्फ़ बंद जगह पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए. इससे, अन्य चैनलों के मोबाइल सैटलाइट सिस्टम में नुकसान पहुंचाने वाली रुकावट आने का खतरा कम हो जाता है.

नियम की जानकारी: भारत

स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की जानकारी

आपका फ़ोन, रेडियो ट्रांसमीटर और रिसीवर है. यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ़ील्ड से इंसानी संपर्क को सीमित करने से जुड़े अंतरराष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का पालन करता है. इसे दूरसंचार विभाग, संचार, और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार ("DoT") के रेडियो तरंगों से संपर्क के बारे में बनाए गए दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए, खास तौर से डिज़ाइन किया गया है. ये दिशा-निर्देश स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (SAR) माप का इस्तेमाल करते हैं. इस माप से यह पता चलता है कि फ़ोन का इस्तेमाल करते समय इंसान का शरीर कितनी मात्रा में रेडियो फ़्रीक्वेंसी सहन कर सकता है (अपने अंदर समा सकता है). भारत में मोबाइल फ़ोन के लिए एसएआर की सीमा, मानव टिशू के 1 ग्राम वजन पर 1.6 वाट/कि.ग्रा. है.

Pixel 2 और Pixel 2 XL फ़ोन कान के पास इस्तेमाल होने या शरीर से 1.0 सेंटीमीटर की दूरी पर होने पर इन निर्देशों का पालन करते हैं. पक्का करें कि डिवाइस के साथ मिलने वाली अन्य ऐक्सेसरी, जैसे कि डिवाइस का केस और इसका होल्स्टर, धातु से बने हुए न हों. दूरी से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करने के लिए, डिवाइस को अपने शरीर से दूर रखें. जाँच करने पर पाया गया है कि Pixel 2 को कान के पास रखने पर एसएआर मान ज़्यादा से ज़्यादा 0.92 वाट/कि.ग्रा. है, और शरीर के काफ़ी नज़दीक होने पर यह मान 0.41 वाट/कि.ग्रा. है. जब Pixel 2 XL के लिए जाँच की गई तो पाया गया कि इसे कान के पास रखने पर एसएआर मान ज़्यादा से ज़्यादा 0.74 वाट/कि.ग्रा. है, और शरीर के बहुत नज़दीक होने पर यह मान 0.84 वाट/कि.ग्रा. है.

एसएआर की वैल्यू, DoT/ दूरसंचार इंजीनियरिंग सेंटर की वेबसाइट पर भी देखी जा सकती हैं.

हालांकि, प्रयोगशाला में किए गए ज़्यादातर अध्ययनों में यह साबित नहीं हो पाया है कि रेडियो फ़्रीक्वेंसी रेडिएशन के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर कोई सीधा असर पड़ता है. इसके बावजूद, DoT ने मोबाइल हैंडसेट का इस्तेमाल करते समय, बचाव के लिए कुछ तरीके बताए हैं, जो नीचे दिए गए हैं:

वायरलेस हैंड्स-फ़्री सिस्टम (हेडफ़ोन, हेडसेट) का इस्तेमाल कम पावर वाले ब्लूटूथ फ़ोन के साथ करें.

पक्का करें कि सेल फ़ोन की एसएआर कम है. अपने कॉल को छोटा रखें या उसके बजाय मैसेज (एसएमएस) भेजें. यह सलाह विशेष रूप से बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं पर लागू होती है.

अपने सेल फ़ोन का इस्तेमाल सिग्नल अच्छे होने पर ही करें. जिन लोगों के शरीर में पेसमेकर या दूसरे मेडिकल डिवाइस लगे हैं, उन्हें फ़ोन को शरीर के उस हिस्से से कम से कम 15 सेंटीमीटर दूर रखना चाहिए.

रीसाइक्लिंग और ई-कचरा प्रबंधन की घोषणा

बैटरी को कूड़ेदान में ना डालें

भारत में इस लेबल का मतलब है कि फ़ोन को घरेलू कचरे के साथ नहीं फ़ेंका जाना चाहिए. इसे किसी ऐसी जगह पर जमा करना चाहिए जो इसके लिए बनाई गई हो, ताकि इसमें से धातु और दूसरी काम की चीज़ें निकाली जा सकें.

Google यह एलान करता है कि आपका फ़ोन ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016 (जिन्हें आगे "नियम" कहा जाएगा) का पालन करते हुए डिज़ाइन किया गया है और बनाया गया है. यह खास तौर से नियम 16 (1) के मुताबिक है, जिसमें इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को बनाने में इस्तेमाल होने वाली खतरनाक चीज़ों का कम से कम इस्तेमाल करने के लिए कहा गया है. साथ ही, इसमें एक जैसी चीज़ों के लिए वज़न के हिसाब से स्वीकार किए गए ज़्यादा से ज़्यादा कंसंट्रेशन (शेड्यूल II में शामिल अपवादों को छोड़कर) के बारे में बताया गया है.

ई-कचरे को गलत तरीके से इस्तेमाल करने, उसका निपटारा किए जाने, उसके गलती से टूटने, नुकसान होने या उसकी गलत रीसाइक्लिंग से कई जोखिम हो सकते हैं. इनमें आग लगना, विस्फोट होना, और/या दूसरे खतरे शामिल हैं. इसके और भी खतरे हो सकते हैं. कचरे को गलत तरीके से नष्ट करने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंच सकता है. कुछ ई-कचरे में खतरनाक रसायन होते हैं जिन्हें गलत तरीके से नष्ट किए जाने पर पानी, मिट्टी और दूसरे प्राकृतिक संसाधन ज़हरीले हो सकते हैं. इन्हें गलत तरीके से नष्ट किए जाने पर पौधों, जानवरों और इंसानों को नुकसान पहुंच सकता है.

नियम की जानकारी: सिंगापुर

स्पेसिफ़िक ऐब्ज़ॉर्पशन रेट (एसएआर) की जानकारी

Pixel 2 XL फ़ोन का रेडिएटेड आउटपुट पावर, रेडियो फ़्रीक्वेंसी संपर्क की सीमाओं से कम है. इन फ़ोन को आईएमडीए रेडियो फ़्रीक्वेंसी (RF) संपर्क पाबंदियों के लिए जाँचा गया है और ये उनके मुताबिक हैं. इन डिवाइसों का इस्तेमाल इस तरीके से किया जाना चाहिए कि सामान्य इस्तेमाल के दौरान ये शरीर के कम से कम संपर्क में आएं.

जब Pixel 2 XL फ़ोन को अपने बिलकुल करीब रखकर इस्तेमाल करें (हाथ में पकड़ने या कान पर लगाने के अलावा), तो उसे अपने शरीर से कम से कम 1.0 सें॰मी॰ दूर रखें. ऐसा करने से, हर डिवाइस की जांच करके तय की गई, आरएफ़ के संपर्क में आने से जुड़ी ज़रूरी शर्तों को पूरा किया जा सकता है.

पक्का करें कि डिवाइस के साथ मिलने वाली अन्य ऐक्सेसरी, जैसे कि डिवाइस का केस और इसका होल्स्टर, धातु से बने हुए न हों.

आईएमडीए को रिपोर्ट किए गए Pixel 2 XL के ज़्यादा से ज़्यादा एसएआर मान इस प्रकार हैं:

  • 0.61 वाट/कि.ग्रा., जब आपने इसे कान पर लगाया हुआ हो
  • 1.08 वाट/कि.ग्रा., जब यह शरीर के काफ़ी नज़दीक हो

सुलभता सुविधाएं

Pixel 2 और Pixel 2 XL के लिए सुलभता सुविधाएं:

Pixel 2

सुलभता की सुविधा ज़रूरी चीज़ों की जानकारी उपलब्धता

हैंडसेट/हार्डवेयर की जानकारी

टचस्क्रीन  क्या फ़ोन में टचस्क्रीन की सुविधा है हां
अगर डिवाइस में टचस्क्रीन है, तो क्या वह कैपेसिटिव है (जिसे कभी-कभी हीट ऐक्टिवेटेड भी कहा जाता है) हां
बटनों की पहचान क्या अलग-अलग बटनों को उपयोगकर्ता आसानी से पहचान सकता है लागू नहीं – टच स्क्रीन कीबोर्ड/कीपैड
बटनों को कैसे समझा जा सकता है - अलग-अलग बटन, उनका पता लगाने के लिए उभारों का इस्तेमाल लागू नहीं
बटन के केंद्र बिंदु से दूरी किसी एक संख्या वाले बटन का केंद्र बिंदु, दूसरी संख्या वाले बटन के केंद्र बिंदु से कितना दूर है लागू नहीं
कीबोर्ड का लेआउट कीपैड का लेआउट QWERTY टाइपराइटर कीबोर्ड जैसा है हां
की-रिंग या लैनयार्ड स्ट्रैप (मोबाइल लटकाने वाली डोरी) के लिए लैनयार्ड पिन क्या फ़ोन में एक छोटी सी पिन मौजूद है, जिसे की-रिंग या नेक स्ट्रैप (गर्दन में मोबाइल लटकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली डोरी) से जोड़ा जा सकता है नहीं
फ़ंक्शन वाले बटनों में फ़र्क़ नंबर बटनों का रंग या आकार दूसरे बटनों से अलग है, जिसकी वजह से छूकर या देखकर उनके बीच आसानी से फ़र्क़ बताया जा सकता है लागू नहीं
डिवाइस का आकार A. क्लैम शेल / फ़्लिप डिज़ाइन वाला फ़ोन
B. कैंडी बार / स्टिक डिज़ाइन वाला फ़ोन
C. स्लाइड होने वाला फ़ोन
D. घूमने वाला फ़ोन
E. टचस्क्रीन वाला फ़ोन
F. अन्य
B, E
ऑपरेटिंग सिस्टम इस फ़ोन में इस्तेमाल किया गया ऑपरेटिंग सिस्टम और वर्शन Android 8.0
एंटी-स्लिप सुविधाएं इसमें फिसलने से बचाने वाली कोटिंग या उभार मौजूद हैं, ताकि यह आपके हाथ से न फिसले नहीं

फ़ोन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना/किसी काम को बेहतर तरीके से कर पाना

हैंडसेट का वज़न बैटरी के साथ हैंडसेट का वज़न 143 ग्राम
आसानी से लगाई जाने लायक बैटरी क्या बैटरी पर, उसे लगाने की जगह और स्क्रीन की सही दिशा बताने के लिए साफ़ तौर पर निशान बना हुआ है लागू नहीं
स्पीकर-फ़ोन की सुविधा डायल करते समय और कॉल लगने के बाद बिना हाथ से पकड़े (हैंड्स फ़्री) इस्तेमाल किया जा सकता है हां
सुरक्षित/धंसे हुए बटन अलग-अलग बटन इस तरह से धंसे हुए या सुरक्षित होते हैं जिससे गलत बटन दबाने की संभावना कम हो जाती है लागू नहीं
वायरलेस इयरफ़ोन/हेडसेट ब्लूटूथ हेडसेट जैसे वायरलेस ईयरफ़ोन और हेडसेट इसके साथ काम करते हैं हां
किसी डिवाइस से जोड़ना (कपलिंग) टेक्स्ट टर्मिनल के तौर पर, लोगों को कंप्यूटर का इस्तेमाल करने की मंज़ूरी देने के लिए. साथ ही, पसंद के मुताबिक बनाए गए डिवाइस को फ़ोन के साथ काम करने की मंज़ूरी देता है. डिवाइस को नीचे दिए गए विकल्पों का इस्तेमाल करके फ़ोन से कनेक्ट किया जा सकता है:  
  • केबल (तार)
हां
  • इंफ़्रारेड सिग्नल (जो रेडियो तरंग की तरह हवा में गुज़रता रहता है लेकिन दीवारों या दूसरी ठोस चीज़ों के पार नहीं जा सकता)
नहीं
  • ब्लूटूथ/वायरलेस LAN (रेडियो सिग्नल जो हवा से होकर गुज़रते हैं और दीवारों या दूसरी ठोस चीज़ों के पार भी जा सकते हैं)
हां
  • ऊपर बताए गए कनेक्शन के अलावा दूसरे कनेक्शन (कृपया जानकारी दें): … … … … … …
लागू नहीं
मेज़ पर रखकर काम करने के लिए पीछे से सपाट इसके पीछे का हिस्सा सपाट है, ताकि इसे मेज़ पर रखकर भी इस्तेमाल किया जा सके हां
किसी भी बटन से जवाब देना इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति किसी भी बटन को दबाकर कॉल का जवाब दे सकता है नहीं
हाथ का इस्तेमाल आपको कुछ चीज़ें कंट्रोल करने के लिए, उन्हें अपनी उंगलियों से पिंच करना या मोड़ना होगा या आपको अपनी कलाई घुमानी होगी हां
डायल करने के लिए आवाज़ की पहचान आप किसी व्यक्ति का नाम बोलकर नंबर डायल कर सकते हैं, बशर्ते वह व्यक्ति आपकी संपर्क सूची (एक निजी "टेलीफ़ोन बुक" जो आप अपने फ़ोन पर बनाते हैं) में हो हां
सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए आवाज़ की पहचान आप फ़ोन में कमांड बोलकर सुविधाएं चालू कर सकते हैं, जिससे कीपैड का इस्तेमाल कम करना पड़ता है हां
अपने-आप जवाब देने की सुविधा तय की गई संख्या में घंटी बजने के बाद, फ़ोन अपने-आप कॉल का जवाब देता है नहीं

देखने से जुड़ी सुविधाएं

बटन पर बने निशान, जिन्हें छू सकते हैं – "F" और "J" "F" और "J" बटनों में उभरे हुए बिंदु या उभार होते हैं, ताकि छूकर उनमें फ़र्क़ किया जा सके (ऐसा सिर्फ़ उन फ़ोन में होता है जिनमें QWERTY टाइपराइटर-स्टाइल वाला कीपैड होता है) लागू नहीं
संख्या वाले बटन के स्टैंडर्ड लेआउट संख्या वाले बटनों का लेआउट, स्टैंडर्ड तरीके से बनाया गया है. उसमें 1 2 3 सबसे ऊपर और * 0 # सबसे नीचे हैं हां - ध्यान दें यह टच स्क्रीन कीबोर्ड है
बटन का फ़ीडबैक - छुआ जा सकता है जब किसी बटन को दबाया जाता है, तो साफ़ तौर पर क्लिक करने का एहसास होता है. इससे यह पता चलता है कि उस बटन को दबाया गया है नहीं
बटन का फ़ीडबैक - सुना जा सकता है जब आप किसी बटन को दबाते हैं, तो एक आवाज़ आती है, जिससे आप जान जाते हैं कि उस बटन को दबाया गया है हां
आवाज़ सुनकर बटन को पहचानने की सुविधा - बोलकर बताना जब आप कोई नंबर वाला बटन दबाते हैं, तो वह नंबर बोला जाता है जिससे आप जान जाते हैं कि आपने सही नंबर दबाया है हां
बटनों को सुनकर पहचानना - फ़ंक्शन कोई बटन दबाने पर आपको जो आवाज़ सुनाई देती है वह नंबर और फ़ंक्शन बटनों के लिए अलग-अलग होती है, इससे आप उनके बीच आसानी से फ़र्क कर सकते हैं हां
बदला जा सकने वाला फ़ॉन्ट - स्टाइल आप डिसप्ले पर टेक्स्ट के लिए इस्तेमाल किए गए फ़ॉन्ट (टाइपफ़ेस) को बदल सकते हैं, जिससे इसे पढ़ना आसान हो सकता है हां
छोटा-बड़ा किया जा सकने वाला फ़ॉन्ट - साइज़ डिसप्ले पर दिखने वाले टेक्स्ट को बड़ा या छोटा किया जा सकता है, ताकि उसे आसानी से पढ़ा जा सके हां
अपने हिसाब से बनाए गए शॉर्टकट यह सेट किया जा सकता है कि कोई काम, किसी एक बटन या शॉर्टकट बटन (एक साथ कई बटन) को दबाने पर हो जाए हां
डिसप्ले की विशेषताएं - कंट्रास्ट को कम या ज़्यादा करने की सुविधा डिसप्ले का कंट्रास्ट बदला जा सकता है, ताकि बैकग्राउंड में टेक्स्ट और सिंबल, दोनों आसानी से देखे जा सकें नहीं / रंग में सुधार करने और रंग बदलने की सुविधा उपलब्ध है
डिसप्ले की विशेषताएं - रोशनी को कम या ज़्यादा करने की सुविधा डिसप्ले की रोशनी कम या ज़्यादा की जा सकती है, ताकि उस पर दिखने वाला टेक्स्ट आसानी से पढ़ा जा सके हां
डिसप्ले की विशेषताएं - मुख्य डिसप्ले का साइज़ मुख्य डिसप्ले का साइज़ 5.0" 127 मि.मी.
डिसप्ले की विशेषताएं - मुख्य डिसप्ले का रिज़ॉल्यूशन मुख्य डिसप्ले पर टेक्स्ट और इमेज दिखाने के लिए कई बिंदुओं (जिन्हें पिक्सल कहा जाता है) का इस्तेमाल किया जाता है. ज़्यादा डॉट (छोटे-छोटे उभार) का मतलब है ज़्यादा बारीकियां. एफ़एचडी (1920×1080)
डिसप्ले की विशेषताएं - रंग में फ़र्क़ डिसप्ले पर दी गई जानकारी को समझने के लिए, रंगों को पहचान पाना ज़रूरी नहीं है (उदाहरण के लिए, यह ज़रूरी नहीं कि कोई व्यक्ति लाल और हरे निशान के बीच फ़र्क़ कर सकता है या नहीं) हां – रंग में सुधार करने की सुविधा उपलब्ध है
डिसप्ले की विशेषताएं - सिंबल/आइकॉन मेन्यू को ग्रिड लेआउट में निशानों या तस्वीरों का इस्तेमाल करके दिखाया जा सकता है. ऐसा करने से कुछ लोगों के लिए इन्हें समझना या याद रखना आसान हो सकता है. हां
डिसप्ले की विशेषताएं - स्क्रीन की झिलमिलाहट मुख्य डिसप्ले में इतनी झिलमिलाहट नहीं होती है जिससे कि ऐसे लोगों को परेशानी हो जिन्हें देखने वाली चीज़ों से घबराहट होती (फ़ोटो-एपिलेप्सी) है (2 हर्ट्ज़ और 60 हर्ट्ज़ के बीच) हां
संपर्क सूची में शामिल लोगों के नाम बोलकर बताना जब आपको कोई कॉल आती है, तब यह कॉल करने वाले का नाम बोलकर बताया जाता है. हालांकि, इसके लिए कॉल करने वाले का नाम संपर्क सूची में होना चाहिए नहीं
मैसेज (एसएमएस) पढ़कर बताना : फ़ोन में पहले से उपलब्ध मैसेज को ज़ोर से पढ़कर सुना सकता है हां
आवाज़ से चलने वाला मेन्यू मेन्यू के विकल्पों को बोलकर बताया जाता है. इससे डिसप्ले पर दी जानकारी न पढ़ सकने के बावजूद, कई फ़ंक्शन इस्तेमाल किए जा सकते हैं हां
दूसरे फ़ॉर्मेट में उपलब्ध 'इस्तेमाल के लिए गाइड' 'इस्तेमाल के लिए गाइड' अन्य फ़ॉर्मैट में भी उपलब्ध हैं, जैसे कि इसे ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकता है हां

सुनने में मदद करने वाली सुविधाएं

वाइब्रेशन (कंपन) अलर्ट फ़ोन इस तरह सेट किया जा सकता है कि जब कोई कॉल या मैसेज आए या जब यह किसी चेतावनी का अलर्ट दे, तब यह कंपन (वाइब्रेशन) करे हां
विज़ुअल अलर्ट - आने वाले (इनकमिंग) कॉल फ़ोन पर कोई कॉल या मैसेज आने पर, विज़ुअल अलर्ट दिखता है. जैसे, कॉल करने वाले (कॉलर) का नाम या फ़ोटो. हालांकि, ये तब ही दिखेंगे, जब आपकी संपर्क सूची में पहले से सेव हों हां
दो-तरफ़ा वीडियो बातचीत - मोबाइल नेटवर्क इस्तेमाल करके इससे, मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल करके वीडियो कॉल करने की सुविधा मिलती है. कॉल के दौरान, कॉल करने और कॉल रिसीव करने वाले, दोनों एक-दूसरे को देख सकते हैं हां
दो-तरफ़ा वीडियो बातचीत - वायरलेस LAN नेटवर्क इस्तेमाल करके इससे, वायरलेस LAN नेटवर्क इस्तेमाल करके वीडियो कॉल करने की सुविधा मिलती है. कॉल के दौरान, कॉल करने और कॉल रिसीव करने वाले, दोनों एक-दूसरे को देख सकते हैं हां
हेडसेट – प्लग टाइप फ़ोन से कनेक्ट करने के लिए हेडसेट में किस तरह का प्लग होना चाहिए यूएसबी-सी
कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा "T" स्थिति पर सेट की गई कान की मशीन के साथ इस्तेमाल किए जाने पर, आवाज़ ज़्यादा साफ़ सुनाई देती है हां
कान की मशीन से जुड़ी दूसरी तकनीक डिवाइसों को आपस में जोड़े जाने की अन्य तकनीकों (कपलिंग) के साथ, इस्तेमाल करने पर आवाज़ ज़्यादा साफ़ सुनाई देती है लागू नहीं
मैसेज सेवा विकल्प - मल्टीमीडिया मैसेज (एमएमएस) आपको मल्टीमीडिया मैसेज भेजने और पाने की सुविधा देता है, जिसमें फ़ोटोग्राफ़, ऑडियो, और वीडियो क्लिप शामिल हो सकते हैं हां
मैसेज (एसएमएस) को मनमुताबिक बनाना और फिर से इस्तेमाल करना आपको स्टैंडर्ड मैसेज लिखने की सुविधा मिलती है. इसे हर बार टाइप किए बिना झटपट किसी को भी भेजा जा सकता है. उदाहरण के लिए, "मैं मीटिंग में हूं; मैं वापस आपको कॉल करूंगा" हां
मैसेज सेवा के विकल्प - ईमेल आपको ईमेल भेजने और पाने की सुविधा देता है हां
इंटरनेट की सुविधा आप वेबसाइट ब्राउज़ करने और इंटरनेट की दूसरी सेवाओं का फ़ायदा लेने के लिए फ़ोन इस्तेमाल कर सकते हैं हां
अन्य सुविधाएं और विशेषताएं Google Pixel 2 एक टच स्क्रीन वाला फ़ोन है. हालांकि, इसमें ये स्पर्श किए जा सकने वाले बटन भी होते हैं: पावर और वॉल्यूम नियंत्रण बटन
अन्य सुविधाएं और ऐक्सेसरी ओपन ऑपरेटिंग सिस्टम और सुलभता सुविधाओं के स्वभाव का मतलब यह है कि कुछ सुविधाएं Android ऑपरेटिंग सिस्टम के हिस्से के तौर पर दी जाती हैं. फ़ोन के काम करते रहने के दौरान इन्हें बदला और अपग्रेड किया जा सकता है.

Pixel 2 XL

सुलभता की सुविधा ज़रूरी चीज़ों की जानकारी उपलब्धता

हैंडसेट/हार्डवेयर की जानकारी

टचस्क्रीन  क्या फ़ोन में टचस्क्रीन की सुविधा है हां
अगर डिवाइस में टचस्क्रीन है, तो क्या वह कैपेसिटिव है (जिसे कभी-कभी हीट ऐक्टिवेटेड भी कहा जाता है) हां
बटनों की पहचान क्या अलग-अलग बटनों को उपयोगकर्ता आसानी से पहचान सकता है लागू नहीं – टच स्क्रीन कीबोर्ड/कीपैड
बटनों को कैसे समझा जा सकता है - अलग-अलग बटन, उनका पता लगाने के लिए उभारों का इस्तेमाल लागू नहीं
बटन के केंद्र बिंदु से दूरी किसी एक संख्या वाले बटन का केंद्र बिंदु, दूसरी संख्या वाले बटन के केंद्र बिंदु से कितना दूर है लागू नहीं
कीबोर्ड का लेआउट कीपैड का लेआउट QWERTY टाइपराइटर कीबोर्ड जैसा है हां
की-रिंग या लैनयार्ड स्ट्रैप (मोबाइल लटकाने वाली डोरी) के लिए लैनयार्ड पिन क्या फ़ोन में एक छोटी सी पिन मौजूद है, जिसे की-रिंग या नेक स्ट्रैप (गर्दन में मोबाइल लटकाने के लिए इस्तेमाल होने वाली डोरी) से जोड़ा जा सकता है नहीं
फ़ंक्शन वाले बटनों में फ़र्क़ नंबर बटनों का रंग या आकार दूसरे बटनों से अलग है, जिसकी वजह से छूकर या देखकर उनके बीच आसानी से फ़र्क़ बताया जा सकता है लागू नहीं
डिवाइस का आकार A. क्लैम शेल / फ़्लिप डिज़ाइन वाला फ़ोन
B. कैंडी बार / स्टिक डिज़ाइन वाला फ़ोन
C. स्लाइड होने वाला फ़ोन
D. घूमने वाला फ़ोन
E. टचस्क्रीन वाला फ़ोन
F. अन्य
B, E,
ऑपरेटिंग सिस्टम इस फ़ोन में इस्तेमाल किया गया ऑपरेटिंग सिस्टम और वर्शन Android 8.0
एंटी-स्लिप सुविधाएं इसमें फिसलने से बचाने वाली कोटिंग या उभार मौजूद हैं, ताकि यह आपके हाथ से न फिसले नहीं

फ़ोन को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना/किसी काम को बेहतर तरीके से कर पाना

हैंडसेट का वज़न बैटरी के साथ हैंडसेट का वज़न 175 ग्राम
आसानी से लगाई जाने लायक बैटरी क्या बैटरी पर, उसे लगाने की जगह और स्क्रीन की सही दिशा बताने के लिए साफ़ तौर पर निशान बना हुआ है लागू नहीं
स्पीकर-फ़ोन की सुविधा डायल करते समय और कॉल लगने के बाद बिना हाथ से पकड़े (हैंड्स फ़्री) इस्तेमाल किया जा सकता है हां
सुरक्षित/धंसे हुए बटन अलग-अलग बटन इस तरह से धंसे हुए या सुरक्षित होते हैं जिससे गलत बटन दबाने की संभावना कम हो जाती है लागू नहीं
वायरलेस इयरफ़ोन/हेडसेट ब्लूटूथ हेडसेट जैसे वायरलेस ईयरफ़ोन और हेडसेट इसके साथ काम करते हैं हां
किसी डिवाइस से जोड़ना (कपलिंग) टेक्स्ट टर्मिनल के तौर पर, लोगों को कंप्यूटर का इस्तेमाल करने की मंज़ूरी देने के लिए. साथ ही, पसंद के मुताबिक बनाए गए डिवाइस को फ़ोन के साथ काम करने की मंज़ूरी देता है. डिवाइस को नीचे दिए गए विकल्पों का इस्तेमाल करके फ़ोन से कनेक्ट किया जा सकता है:  
  • केबल (तार)
हां
  • इंफ़्रारेड सिग्नल (जो रेडियो तरंग की तरह हवा में गुज़रता रहता है लेकिन दीवारों या दूसरी ठोस चीज़ों के पार नहीं जा सकता)
नहीं
  • ब्लूटूथ/वायरलेस LAN (रेडियो सिग्नल जो हवा से होकर गुज़रते हैं और दीवारों या दूसरी ठोस चीज़ों के पार भी जा सकते हैं)
हां
  • ऊपर बताए गए कनेक्शन के अलावा दूसरे कनेक्शन (कृपया जानकारी दें): … … … … … …
लागू नहीं
मेज़ पर रखकर काम करने के लिए पीछे से सपाट इसके पीछे का हिस्सा सपाट है, ताकि इसे मेज़ पर रखकर भी इस्तेमाल किया जा सके हां
किसी भी बटन से जवाब देना इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति किसी भी बटन को दबाकर कॉल का जवाब दे सकता है नहीं
हाथ का इस्तेमाल आपको कुछ चीज़ें कंट्रोल करने के लिए, उन्हें अपनी उंगलियों से पिंच करना या मोड़ना होगा या आपको अपनी कलाई घुमानी होगी हां
डायल करने के लिए आवाज़ की पहचान आप किसी व्यक्ति का नाम बोलकर नंबर डायल कर सकते हैं, बशर्ते वह व्यक्ति आपकी संपर्क सूची (एक निजी "टेलीफ़ोन बुक" जो आप अपने फ़ोन पर बनाते हैं) में हो हां
सुविधाओं का इस्तेमाल करने के लिए आवाज़ की पहचान आप फ़ोन में कमांड बोलकर सुविधाएं चालू कर सकते हैं, जिससे कीपैड का इस्तेमाल कम करना पड़ता है हां
अपने-आप जवाब देने की सुविधा तय की गई संख्या में घंटी बजने के बाद, फ़ोन अपने-आप कॉल का जवाब देता है नहीं

देखने से जुड़ी सुविधाएं

बटन पर बने निशान, जिन्हें छू सकते हैं – "F" और "J" "F" और "J" बटनों में उभरे हुए बिंदु या उभार होते हैं, ताकि छूकर उनमें फ़र्क़ किया जा सके (ऐसा सिर्फ़ उन फ़ोन में होता है जिनमें QWERTY टाइपराइटर-स्टाइल वाला कीपैड होता है) लागू नहीं
संख्या वाले बटन के स्टैंडर्ड लेआउट संख्या वाले बटनों का लेआउट, स्टैंडर्ड तरीके से बनाया गया है. उसमें 1 2 3 सबसे ऊपर और * 0 # सबसे नीचे हैं हां - ध्यान दें यह टच स्क्रीन कीबोर्ड है
बटन का फ़ीडबैक - छुआ जा सकता है जब किसी बटन को दबाया जाता है, तो साफ़ तौर पर क्लिक करने का एहसास होता है. इससे यह पता चलता है कि उस बटन को दबाया गया है नहीं
बटन का फ़ीडबैक - सुना जा सकता है जब आप किसी बटन को दबाते हैं, तो एक आवाज़ आती है, जिससे आप जान जाते हैं कि उस बटन को दबाया गया है हां
आवाज़ सुनकर बटन को पहचानने की सुविधा - बोलकर बताना जब आप कोई नंबर वाला बटन दबाते हैं, तो वह नंबर बोला जाता है जिससे आप जान जाते हैं कि आपने सही नंबर दबाया है हां
बटनों को सुनकर पहचानना - फ़ंक्शन कोई बटन दबाने पर आपको जो आवाज़ सुनाई देती है वह नंबर और फ़ंक्शन बटनों के लिए अलग-अलग होती है, इससे आप उनके बीच आसानी से फ़र्क कर सकते हैं हां
बदला जा सकने वाला फ़ॉन्ट - स्टाइल आप डिसप्ले पर टेक्स्ट के लिए इस्तेमाल किए गए फ़ॉन्ट (टाइपफ़ेस) को बदल सकते हैं, जिससे इसे पढ़ना आसान हो सकता है हां
छोटा-बड़ा किया जा सकने वाला फ़ॉन्ट - साइज़ डिसप्ले पर दिखने वाले टेक्स्ट को बड़ा या छोटा किया जा सकता है, ताकि उसे आसानी से पढ़ा जा सके हां
मनमुताबिक शॉर्टकट यह सेट किया जा सकता है कि कोई काम, किसी एक बटन या शॉर्टकट बटन (एक साथ कई बटन) को दबाने पर हो जाए हां
डिसप्ले की विशेषताएं - कंट्रास्ट को कम या ज़्यादा करने की सुविधा डिसप्ले का कंट्रास्ट बदला जा सकता है, ताकि बैकग्राउंड में टेक्स्ट और सिंबल, दोनों आसानी से देखे जा सकें नहीं / रंग में सुधार करने और रंग बदलने की सुविधा उपलब्ध है
डिसप्ले की विशेषताएं - रोशनी को कम या ज़्यादा करने की सुविधा डिसप्ले की रोशनी कम या ज़्यादा की जा सकती है, ताकि उस पर दिखने वाला टेक्स्ट आसानी से पढ़ा जा सके हां
डिसप्ले की विशेषताएं - मुख्य डिसप्ले का साइज़ मुख्य डिसप्ले का साइज़ 5.99"
डिसप्ले की विशेषताएं - मुख्य डिसप्ले का रिज़ॉल्यूशन मुख्य डिसप्ले पर टेक्स्ट और इमेज दिखाने के लिए कई बिंदुओं (जिन्हें पिक्सल कहा जाता है) का इस्तेमाल किया जाता है. ज़्यादा डॉट (छोटे-छोटे उभार) का मतलब है ज़्यादा बारीकियां. OHD+, 1440 x 2880 pOLED
डिसप्ले की विशेषताएं - रंग में फ़र्क़ डिसप्ले पर दी गई जानकारी को समझने के लिए, रंगों को पहचान पाना ज़रूरी नहीं है (उदाहरण के लिए, यह ज़रूरी नहीं कि कोई व्यक्ति लाल और हरे निशान के बीच फ़र्क़ कर सकता है या नहीं) हां – रंग में सुधार करने की सुविधा उपलब्ध है
डिसप्ले की विशेषताएं - सिंबल/आइकॉन मेन्यू को ग्रिड लेआउट में निशानों या तस्वीरों का इस्तेमाल करके दिखाया जा सकता है. ऐसा करने से कुछ लोगों के लिए इन्हें समझना या याद रखना आसान हो सकता है. हां
डिसप्ले की विशेषताएं - स्क्रीन की झिलमिलाहट मुख्य डिसप्ले में इतनी झिलमिलाहट नहीं होती है जिससे कि ऐसे लोगों को परेशानी हो जिन्हें देखने वाली चीज़ों से घबराहट होती (फ़ोटो-एपिलेप्सी) है (2 हर्ट्ज़ और 60 हर्ट्ज़ के बीच) हां
संपर्क सूची में शामिल लोगों के नाम बोलकर बताना जब आपको कोई कॉल आती है, तब यह कॉल करने वाले का नाम बोलकर बताया जाता है. हालांकि, इसके लिए कॉल करने वाले का नाम संपर्क सूची में होना चाहिए नहीं
मैसेज (एसएमएस) पढ़कर बताना : फ़ोन में पहले से उपलब्ध मैसेज को ज़ोर से पढ़कर सुना सकता है हां
आवाज़ से चलने वाला मेन्यू मेन्यू के विकल्पों को बोलकर बताया जाता है. इससे डिसप्ले पर दी जानकारी न पढ़ सकने के बावजूद, कई फ़ंक्शन इस्तेमाल किए जा सकते हैं हां
दूसरे फ़ॉर्मेट में उपलब्ध 'इस्तेमाल के लिए गाइड' 'इस्तेमाल के लिए गाइड' अन्य फ़ॉर्मैट में भी उपलब्ध हैं, जैसे कि इसे ऑनलाइन भी पढ़ा जा सकता है हां

सुनने में मदद करने वाली सुविधाएं

वाइब्रेशन (कंपन) अलर्ट फ़ोन इस तरह सेट किया जा सकता है कि जब कोई कॉल या मैसेज आए या जब यह किसी चेतावनी का अलर्ट दे, तब यह कंपन (वाइब्रेशन) करे हां
विज़ुअल अलर्ट - आने वाले (इनकमिंग) कॉल फ़ोन पर कोई कॉल या मैसेज आने पर, विज़ुअल अलर्ट दिखता है. जैसे, कॉल करने वाले (कॉलर) का नाम या फ़ोटो. हालांकि, ये तब ही दिखेंगे, जब आपकी संपर्क सूची में पहले से सेव हों हां
दो-तरफ़ा वीडियो बातचीत - मोबाइल नेटवर्क इस्तेमाल करके इससे, मोबाइल नेटवर्क का इस्तेमाल करके वीडियो कॉल करने की सुविधा मिलती है. कॉल के दौरान, कॉल करने और कॉल रिसीव करने वाले, दोनों एक-दूसरे को देख सकते हैं हां
दो-तरफ़ा वीडियो बातचीत - वायरलेस LAN नेटवर्क इस्तेमाल करके इससे, वायरलेस LAN नेटवर्क इस्तेमाल करके वीडियो कॉल करने की सुविधा मिलती है. कॉल के दौरान, कॉल करने और कॉल रिसीव करने वाले, दोनों एक-दूसरे को देख सकते हैं हां
हेडसेट – प्लग टाइप फ़ोन से कनेक्ट करने के लिए हेडसेट में किस तरह का प्लग होना चाहिए यूएसबी-सी
कान की मशीन के साथ काम करने की सुविधा "T" स्थिति पर सेट की गई कान की मशीन के साथ इस्तेमाल किए जाने पर, आवाज़ ज़्यादा साफ़ सुनाई देती है हां
कान की मशीन से जुड़ी दूसरी तकनीक डिवाइसों को आपस में जोड़े जाने की अन्य तकनीकों (कपलिंग) के साथ, इस्तेमाल करने पर आवाज़ ज़्यादा साफ़ सुनाई देती है लागू नहीं
मैसेज सेवा विकल्प - मल्टीमीडिया मैसेज (एमएमएस) आपको मल्टीमीडिया मैसेज भेजने और पाने की सुविधा देता है, जिसमें फ़ोटोग्राफ़, ऑडियो, और वीडियो क्लिप शामिल हो सकते हैं हां
मैसेज (एसएमएस) को मनमुताबिक बनाना और फिर से इस्तेमाल करना आपको स्टैंडर्ड मैसेज लिखने की सुविधा मिलती है. इसे हर बार टाइप किए बिना झटपट किसी को भी भेजा जा सकता है. उदाहरण के लिए, "मैं मीटिंग में हूं; मैं वापस आपको कॉल करूंगा" हां
मैसेज सेवा के विकल्प - ईमेल आपको ईमेल भेजने और पाने की सुविधा देता है हां
इंटरनेट की सुविधा आप वेबसाइट ब्राउज़ करने और इंटरनेट की दूसरी सेवाओं का फ़ायदा लेने के लिए फ़ोन इस्तेमाल कर सकते हैं हां
अन्य सुविधाएं और विशेषताएं Google Pixel 2 XL एक टच स्क्रीन फ़ोन है. हालांकि, इसमें ये छूकर इस्तेमाल करने वाले बटन भी होते हैं: पावर और आवाज़ नियंत्रण बटन
अन्य सुविधाएं और ऐक्सेसरी ओपन ऑपरेटिंग सिस्टम और सुलभता सुविधाओं का मतलब है कि कुछ सुविधाएं Android ऑपरेटिंग सिस्टम के हिस्से के तौर पर उपलब्ध कराई जाती हैं. साथ ही, जब तक फ़ोन काम करता रहता है, इन्हें बदला और अपग्रेड किया जा सकता है
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