सूचना

दूसरे लोग 1 सितंबर, 2021 से क्लासिक साइटें नहीं देख पाएंगे. आज ही नई साइटों में बदलने का तरीका जानें.

अगर मैंने अपनी क्लासिक साइट को नई साइट में नहीं बदला, तो क्या होगा

अहम जानकारी: जो लोग स्कूल या ऑफ़िस वाले Google खाते का इस्तेमाल करते हैं वे यहां क्लिक करके ट्रांज़िशन की टाइमलाइन के बारे में ज़्यादा जानें.

किसी भी व्यक्ति को 1 सितंबर, 2021 से क्लासिक साइटें नहीं दिखेंगी. आपकी वेबसाइटें दूसरे लोगों को दिखती रहें, इसके लिए आपको 1 सितंबर, 2021 से पहले, अपनी क्लासिक साइटों को Google Sites के नए वर्शन में बदलना और पब्लिश करना होगा.

अगर आपने ऐसा नहीं किया, तो 1 सितंबर, 2021 से आपकी क्लासिक साइटें अपने-आप:

आपकी क्लासिक साइट तब तक ऐक्सेस की जा सकती है, जब तक हम उसके लिए, अपने-आप होने वाली माइग्रेशन प्रोसेस शुरू नहीं करते. हालांकि, इस दौरान साइट में बदलाव नहीं किया जा सकता. माइग्रेशन की प्रोसेस 1 सितंबर, 2021 के बाद कभी भी शुरू की जा सकती है.

इस प्रोसेस के दौरान, किसी भी क्लासिक साइट को हमेशा के लिए नहीं मिटाया जा सकेगा. इसका मतलब है कि किसी भी क्लासिक साइट को new Sites (Google Sites का नया वर्शन) में नई साइट के ड्राफ़्ट के तौर पर नहीं बदला जा सकेगा. यह प्रोसेस पूरी होने के बाद, Google इन क्लासिक साइटों को हटा देगा. अपनी क्लासिक साइटों का कॉन्टेंट देखने के लिए, आपको उन्हें एक्सपोर्ट करना होगा. इसके लिए सबसे पहले, अपनी क्लासिक साइट की होम स्क्रीन पर जाएं. इसके बाद, क्लासिक साइट मैनेजर में “डाउनलोड करें” पर क्लिक करें. अगर यह तरीका इस्तेमाल नहीं करना है, तो takeout.google.com पर जाएं.

अगर इस दौरान किसी क्लासिक साइट को हमेशा के लिए मिटाना है, तो पहले आपको new Sites में उस क्लासिक साइट से बनाए गए सभी ड्राफ़्ट मिटाने होंगे. आपके पास, ड्राफ़्ट मिटाने से पहले नई साइट की कॉपी बनाने का भी विकल्प है.

अहम जानकारी: आपकी क्लासिक साइट का नया वर्शन, नई साइट में अपने-आप बदल जाएगा. भले ही, आपने अपनी क्लासिक साइट को पहले भी बदला हो. अपने-आप होने वाली माइग्रेशन प्रोसेस के दौरान, अपनी क्लासिक साइट को न तो मैन्युअल तरीके से नई साइट में बदला जा सकेगा और न ही उसे मिटाया जा सकेगा. इसके अलावा, शुरू हो चुकी माइग्रेशन प्रोसेस को रद्द भी नहीं किया जा सकेगा. अगर 1 सितंबर के बाद अपनी क्लासिक साइट से जुड़ी, शेयर करने की अनुमतियों में कोई बदलाव किया जाता है, तो हो सकता है कि वह बदलाव, अपने-आप होने वाली माइग्रेशन प्रोसेस के दौरान मिट जाए.

अपने-आप होने वाली माइग्रेशन प्रोसेस पूरी होने के बाद क्या होगा

आपकी क्लासिक साइट, नई साइट के ड्राफ़्ट के तौर पर बदल जाएगी. क्लासिक साइट के सभी मालिकों और संपादकों के पास इसका ऐक्सेस होगा. आपकी ड्राफ़्ट साइट, डिफ़ॉल्ट रूप से अनपब्लिश रहेगी. हालांकि, आपको इसे अपनी सुविधा के हिसाब से पब्लिश करने का विकल्प मिलेगा, ताकि यह साइट अन्य लोगों को दिखती रहे. आपकी क्लासिक साइट, Takeout एक्सपोर्ट के तौर पर संग्रहित भी रहेगी. साथ ही, साइट के सभी मालिकों के Google Drive में सेव हो जाएगी. इसके बाद, आपकी क्लासिक साइट मिट जाएगीः

  • जब आपकी क्लासिक साइट, नई साइट में बदल जाएगी, तब आपको उसे पब्लिश करना होगा, ताकि यह साइट अन्य लोगों को दिखती रहे.
  • अगर आपकी क्लासिक साइट का कोई कस्टम डोमेन है, तो वह नई साइट में ट्रांसफ़र हो जाएगा. हालांकि, आपकी नई साइट में कस्टम डोमेन तब दिखेगा, जब इस साइट को पब्लिश किया जाएगा.
  • संग्रहित की गई क्लासिक साइट, Takeout एक्सपोर्ट के तौर पर डाउनलोड हो जाएगी. साथ ही, साइट के सभी मालिकों के Google Drive में सेव हो जाएगी. एक्सपोर्ट की गई साइट का डेटा, Google खाते के लिए तय स्टोरेज में नहीं शामिल किया जाएगा. अगर साइट का कोई मालिक अपने Google Drive से, सेव की गई साइट का डेटा मिटाता है, तो साइट के दूसरे मालिकों के डेटा पर इसका कोई असर नहीं होगा.
  • क्लासिक साइटों में बनाई गई सभी Google Apps Script, न तो बदली गई नई साइटों पर माइग्रेट होती हैं और न ही Takeout एक्सपोर्ट में शामिल होती हैं.
  • ओरिजनल क्लासिक साइट को Sites के पुराने वर्शन के होम पेज पर मौजूद, “मिटाई गई साइटें” सेक्शन में देखा जा सकता है. इससे पता चलेगा कि ओरिजनल क्लासिक साइट को Google ने मिटाया था. किसी क्लासिक साइट को मिटाने पर, उसमें बनाई गई ऐप्लिकेशन स्क्रिप्ट भी धीरे-धीरे मिट जाती हैं.

नई साइट के ड्राफ़्ट के तौर पर बदली गई साइट का मालिक कौन होगा

क्लासिक साइट के एक से ज़्यादा मालिक हो सकते हैं, लेकिन नई साइट का सिर्फ़ एक मालिक होगा. क्लासिक साइट के मालिकों में से सिर्फ़ कुछ को नई साइट का मालिक बनने की मंज़ूरी मिल सकती है. कुछ मामलों में हो सकता है कि किसी भी मालिक को इसकी मंज़ूरी न मिले.

अगर एक से ज़्यादा क्लासिक साइटों को एक साथ नई साइटों में बदला जाता है

जो व्यक्ति एक से ज़्यादा क्लासिक साइटों को नई साइटों में बदलने की प्रोसेस शुरू करेगा, वह बदली गई साइटों का मालिक बन जाएगा.

अगर किसी क्लासिक साइट के एक से ज़्यादा मालिक हैं

जिस मालिक ने क्लासिक साइट में सबसे नया बदलाव किया है वही नई साइट का मालिक बनेगा. ऐसा तब ही होगा, जब उसे इसके लिए मंज़ूरी मिली हो. क्लासिक साइट के अन्य सभी मालिकों को नई साइट में संपादक की भूमिका मिलेगी. क्लासिक साइट के सभी संपादक, नई साइट में संपादक की भूमिका में ही रहेंगे.

अगर किसी क्लासिक साइट का मालिकाना हक सिर्फ़ किसी ग्रुप के पास है

आप 1 सितंबर, 2021 से पहले, कम से कम एक व्यक्ति को मालिक के तौर पर ज़रूर जोड़ें. इससे पक्का हो जाएगा कि आपकी क्लासिक साइट, मिटाए जाने से पहले नई साइट में बदली जाएगी या फिर Takeout एक्सपोर्ट के तौर पर संग्रहित की जाएगी. ऐसी क्लासिक साइट जिसका मालिकाना हक सिर्फ़ किसी ग्रुप के पास है, उसे नई साइट में नहीं बदला जाएगा और न ही उसे Takeout एक्सपोर्ट के तौर पर संग्रहित किया जाएगा.

अगर किसी क्लासिक साइट का मालिकाना हक ऐसे व्यक्ति के पास है जिसका खाता अब इस्तेमाल में नहीं है

1 सितंबर, 2021 से पहले, ऐसे किसी व्यक्ति को मालिक के तौर पर ज़रूर जोड़ें जिसका खाता चालू है. इससे यह पक्का हो जाएगा कि आपकी क्लासिक साइट, मिटाए जाने से पहले नई साइट में बदल जाएगी. अगर किसी क्लासिक साइट का मालिकाना हक ऐसे व्यक्ति के पास है जिसका खाता अब इस्तेमाल में नहीं है, तो इस साइट को नई साइट में नहीं बदला जाएगा. हालांकि, इस साइट को उस व्यक्ति के बंद हो चुके खाते में संग्रहित करने के बाद मिटाया जाएगा.

अगर किसी क्लासिक साइट को Google Workspace डोमेन से मैनेज किया जाता है या इसे कोई उपयोगकर्ता मैनेज करता है

Google Workspace डोमेन की मदद से मैनेज की जाने वाली क्लासिक साइट के उस मालिक को ही नई साइट का मालिक बनने की मंज़ूरी मिलेगी जिसके पास Workspace डोमेन वाला खाता होगा. साथ ही, इसी मालिक को इस क्लासिक साइट का संग्रहित किया गया वर्शन मिलेगा.

अगर क्लासिक साइट के मालिकों में से कोई एक मालिक, Google Workspace डोमेन वाले खाते का इस्तेमाल करता है, तो इस साइट के किसी भी दूसरे मालिक को नई साइट के संपादक की भूमिका मिलेगी. हालांकि, Takeout एक्सपोर्ट के तौर पर डाउनलोड की गई यह क्लासिक साइट, उसके खाते में सेव नहीं होगी.

सलाह: अपनी साइट के Sites यूआरएल की मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि क्या आपकी साइट, Google Workspace खाते से मैनेज की जा रही है. अगर किसी यूआरएल में “sites.google.com” के बाद कोई डोमेन नेम है, तो इसका मतलब है कि वह एक Google Workspace साइट है. Google Workspace साइटों के कुछ उदाहरण: sites.google.com/my-domain.com/my-site और sites.google.com/a/my-domain.com/my-site. इस तरह की साइटों को my-domain.com से मैनेज किया जाता है.

खोजें
खोज हटाएं
खोज बंद करें
मुख्य मेन्यू
16906309176812355557
true
खोज मदद केंद्र
true
true
true
true
true
70
false
false