YouTube के खोज नतीजों में, तथ्यों की जांच के बारे में जानकारी ढूंढना

जानकारी देने वाले पैनल में, YouTube के वीडियो के बारे में ज़्यादा जानकारी दिखाई जाती है. YouTube पर कोई खोज करने पर, आपको तीसरे पक्ष के स्रोतों से मिली अलग-अलग तरह की जानकारी दिखेगी. जैसे, तथ्यों की जांच से जुड़े लिंक. हम आपको ये लिंक इसलिए देते हैं, ताकि आप YouTube पर वीडियो देखते समय उसके बारे में सही फ़ैसले ले सकें.

YouTube पर किसी खास दावे के बारे में खोज करने पर, कभी-कभी आपको जानकारी देने वाला पैनल दिखता है. इन पैनल में, तथ्यों की जांच के बारे में जानकारी शामिल होती है. यह जांच, तीसरे पक्ष का कोई स्वतंत्र पब्लिशर करता है. यहां दी गई जानकारी से आपको पता चलता है कि आपकी खोज के लिए डाले गए शब्दों से जुड़े दावे सही हैं, गलत हैं या "कुछ हद तक सही" हैं. यह तथ्यों की जांच से तय होता है, जिसकी जानकारी पब्लिशर देता है.

जानकारी देने वाले पैनल कुछ ही देशों/इलाकों और भाषाओं में उपलब्ध हैं. हम दूसरे देशों/इलाकों में भी जानकारी देने वाले पैनल को लाने के लिए काम कर रहे हैं.

YouTube पर तथ्यों की जांच कैसी दिखती है

अगर पब्लिशर ने आपकी खोज क्वेरी से मेल खाने वाले कुछ खास तथ्यों की जांच की है, तो आपको जानकारी देने वाला पैनल दिखेगा. इसमें "तथ्यों की स्वतंत्र जांच" लिखा होगा और साथ में यह जानकारी दिखेगी:

  • तथ्यों की जांच करने वाले पब्लिशर का नाम
  • वह दावा जिसके तथ्यों की जांच की गई है*
  • पब्लिशर ने जिन तथ्यों की जांच की है उनसे जुड़ी खास बातें*
  • पब्लिशर के लेख का लिंक, जिस पर क्लिक करके तथ्यों के बारे में ज़्यादा जानकारी पाई जा सकती है
  • तथ्यों की जांच वाले लेख को पब्लिश करने की तारीख

*ऐसा हो सकता है कि कुछ देशों में, तथ्यों की जांच करने के जानकारी वाले पैनल में ये सभी एलिमेंट न दिखें.

अगर कुछ पब्लिशर ने ही मिलते-जुलते तथ्यों की जांच की है, तो आपको थोड़े-बहुत नतीजे दिखेंगे.

तथ्यों की जांच से जुड़ी जानकारी का न दिखना

हर खोज के लिए तथ्यों की जांच नहीं दिखती है. आपको तथ्यों की जांच के बारे में जानकारी दिखेगी या नहीं, यह कई बाताें से तय होता है. ऐसा खासकर तब होता है, जब खोज के लिए डाले गए शब्द से, किसी दावे के सही होने के बारे में जानकारी मांगी जाती है. हम इस पर भी ध्यान देते हैं कि तथ्यों की जांच से जुड़ी जानकारी, खोज के लिए डाले गए शब्दों के हिसाब से कितनी सही है और कितने समय पहले की है.

अगर आपको तथ्यों की जांच के बारे में जानकारी नहीं दिखती है, तो हो सकता है कि पब्लिशर ने ऐसा कोई लेख न डाला हो जिसमें आपकी खोज से मेल खाने वाले तथ्यों की जांच की गई हो. YouTube के जानकारी देने वाले पैनल में, तथ्यों की जांच से जुड़े लेख और रेटिंग सिस्टम दिखते ज़रूर हैं. हालांकि, YouTube इनमें किसी तरह के बदलाव करने के निर्देश नहीं देता है.

तथ्यों की जांच से जुड़ी जानकारी की शिकायत करना

जानकारी देने वाले पैनल में, तथ्यों की जांच से जुड़ी जो जानकारी दिखती है उसे YouTube न तो बनाता है और न ही उसका प्रमोशन करता है. अगर आप तथ्यों की जांच वाले लेख में दी गई जानकारी से सहमत नहीं हैं, तो कृपया उसे पब्लिश करने वाली वेबसाइट के मालिक से संपर्क करें. अगर आपको तथ्यों की जांच से जुड़ी कोई ऐसी जानकारी दिखती है जिससे हमारे कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होता है, तो हमसे उसकी शिकायत की जा सकती है.

तथ्यों की जांच से जुड़ी जानकारी कौन पब्लिश करता है

YouTube पर दिखने वाले, तथ्यों की जांच वाले लेखों में schema.org ClaimReview मार्कअप का इस्तेमाल होता है. यह मार्कअप सबके लिए उपलब्ध है. पब्लिशर इन लेखों को तब ही पब्लिश कर सकते हैं, जब:

  • पब्लिशर ऐसा व्यक्ति हो जिसने इंटरनैशनल फ़ैक्ट-चेकिंग नेटवर्क (आईएफ़सीएन) के कोड ऑफ़ प्रिंसिपल पर आधिकारिक तौर पर हस्ताक्षर किए हों या वह भरोसेमंद पब्लिशर हो.

और

पब्लिशर और तथ्यों की जांच वाले उनके लेखों की समय-समय पर समीक्षा की जाती है. ऐसा करके यह पक्का किया जाता है कि:

  • तथ्यों की जांच वाले लेख, YouTube के कम्यूनिटी दिशा-निर्देशों के मुताबिक हों.
  • तथ्यों की जांच वाले लेख, ClaimReview स्ट्रक्चर्ड डेटा के दिशा-निर्देशों के मुताबिक हों.
  • तथ्यों की जांच वाले लेख में, दावे के बारे में अलग-अलग तरह की जानकारी और रेटिंग इस तरह से दी गई हो कि उन्हें लेख में आसानी से खोजा जा सकता हो. 
  • तथ्यों की जांच के सोर्स और तरीके ऐसे हों कि:
    • जिनका पता लगाए जा सकें
    • जो पारदर्शी हों
    • जिसमें मुख्य स्रोतों का उल्लेख किया हो और बताया गया हो कि जानकारी कहां से ली गई है

अगर कोई लेख या पब्लिशर इन दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करता है, तो हो सकता है कि उसे तथ्यों की जांच करने की मंज़ूरी न मिले. ऐसा भी हो सकता है कि पब्लिशर, YouTube पर तथ्यों की जांच से जुड़ी जानकारी न दिखा सके.

ध्यान दें: अमेरिका में हम सिर्फ़ वहीं के पब्लिशर के लेख दिखाते हैं.

हम यह कैसे पता लगाते हैं कि जानकारी भरोसेमंद स्रोत से ली गई है या नहीं

जानकारी जिस स्रोत से ली गई है वह भरोसेमंद है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए हम कई तरह के संकेतों का इस्तेमाल करते हैं. हम ऐसा यह पक्का करने के लिए करते हैं कि जानकारी देने वाले हमारे पैनल में, सिर्फ़ भरोसेमंद और काम के स्रोतों से ली गई जानकारी दिखे. वीडियो कितना सटीक और भरोसेमंद है, इसका आकलन करने के लिए, हम रेटिंग देने वाले बाहरी समीक्षकों की राय भी लेते हैं. हम अपने प्रॉडक्ट बनाने और अपनी नीतियों को लागू करने में बहुत मेहनत करते हैं. इन कार्रवाइयों से हमें यह पक्का करने में मदद मिलती है कि भरोसेमंद स्रोतों की पहचान करते समय, हम पर किसी विचारधारा या राजनैतिक झुकाव का असर न पड़े.

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