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ऐप्लिकेशन की कॉन्टेंट सेटिंग और टारगेट ऑडियंस मैनेज करना

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अपने ऐप्लिकेशन के बारे में सटीक जानकारी देना ज़रूरी है, ताकि उपयोगकर्ताओं को बेहतर सेवा मिले. रेटिंग पाने के लिए सवालों की सूची में मांगी गई जानकारी देने के साथ-साथ, आपको ऐप्लिकेशन की टारगेट ऑडियंस और कॉन्टेंट के बारे में भी जानकारी देनी होगी. टारगेट ऑडियंस के हिसाब से, आपके ऐप्लिकेशन पर Google Play की अतिरिक्त नीतियां भी लागू हो सकती हैं:

आपके ऐप्लिकेशन को खास तौर पर, 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए बनाया गया है. आपको Google Play की परिवार नीति से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करनी होंगी. साथ ही, ऐप्लिकेशन में विज्ञापन दिखाने के लिए आपको फ़ैमिली कैटगरी के विज्ञापनों के लिए सेल्फ़-सर्टिफ़ाइड एसडीके के इस्तेमाल से जुड़ी शर्तें पूरी करनी होंगी.
आपका ऐप्लिकेशन सभी के लिए बना है. इसमें बच्चे भी शामिल हैं. ऐसे ऐप्लिकेशन जिनकी टारगेट ऑडियंस के एक भी ग्रुप में अगर बच्चे शामिल हैं, तो उन्हें Google Play की परिवार नीति से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करनी होंगी. साथ ही, बच्चों या जिन उपयोगकर्ताओं की उम्र के बारे में जानकारी नहीं है उन्हें विज्ञापन दिखाने के लिए, फ़ैमिली कैटगरी के विज्ञापनों के लिए सेल्फ़-सर्टिफ़ाइड एसडीके का ही इस्तेमाल करना होगा.
आपके ऐप्लिकेशन को बच्चों के लिए नहीं बनाया गया है. इसके बावजूद, यह ज़रूरी है कि आपका ऐप्लिकेशन Google Play Developer Program की नीतियों और डेवलपर डिस्ट्रिब्यूशन एग्रीमेंट में बताई गई ज़रूरी शर्तों के मुताबिक हो.

यहां दिए गए सेक्शन के बारे में ज़्यादा जानने के लिए, इन लिंक पर क्लिक करें:

"टारगेट ऑडियंस और कॉन्टेंट" सेक्शन में जानकारी भरना

कोई नया ऐप्लिकेशन बनाने या किसी मौजूदा ऐप्लिकेशन का अपडेट पब्लिश करने पर, आपको अपने ऐप्लिकेशन के लिए टारगेट किए गए उम्र समूह के बारे में जानकारी देनी होगी. जिन ऐप्लिकेशन की टारगेट ऑडियंस में बच्चे शामिल हैं उन्हें Google Play की परिवार नीति से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करनी होंगी.

टारगेट ऑडियंस और कॉन्टेंट सेक्शन भरने से पहले, आपको यह बताना होगा कि आपके ऐप्लिकेशन में विज्ञापन दिखाए जाते हैं या नहीं. साथ ही, आपको ऐप्लिकेशन ऐक्सेस करने से जुड़े निर्देश भी देने होंगे. इसके अलावा, आपको निजता नीति भी जोड़नी होगी.

  1. Play Console खोलें. इसके बाद, ऐप्लिकेशन का कॉन्टेंट पेज (नीति > ऐप्लिकेशन का कॉन्टेंट) पर जाएं.
  2. "टारगेट ऑडियंस और कॉन्टेंट" सेक्शन में जाकर, शुरू करें पर क्लिक करें. अगर आपने टारगेट ऑडियंस और कॉन्टेंट सेक्शन में पहले से जानकारी भरी हुई है और अब आपको उसमें बदलाव करना है, तो मैनेज करें पर क्लिक करें. हर सेक्शन के हिसाब से, मांगी गई जानकारी भरें:
    • उम्र समूह चुनना: चुनें कि आपका ऐप्लिकेशन कौन-कौनसे उम्र समूह (समूहों) के लोगों को टारगेट करेगा. अगर आपके ऐप्लिकेशन को अलग-अलग उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकेंगे, तो एक से ज़्यादा समूह चुने जा सकते हैं. साथ ही, कुछ उम्र समूहों के लिए अपने ऐप्लिकेशन की उपलब्धता पर अतिरिक्त पाबंदियां लगाई जा सकती हैं. जैसे कि आपका ऐप्लिकेशन सिर्फ़ 18 साल से ज़्यादा उम्र के उपयोगकर्ताओं के लिए है. ज़्यादा जानकारी के लिए, उम्र समूहों को टारगेट करने के बारे में जानकारी देखें.
    • ऐप्लिकेशन के बारे में जानकारी: आपसे अपने ऐप्लिकेशन के काम करने के तरीके के बारे में ज़्यादा जानकारी मांगी जा सकती है. यह बेहद ज़रूरी है कि आप अपने ऐप्लिकेशन से जुड़े सवालों के सही जवाब दें. कुछ सवाल कानूनी समझौते की शर्तों से जुड़े होते हैं. अगर आपको किसी सवाल का जवाब पक्के तौर पर पता नहीं है, तो कृपया अपने कानूनी सलाहकार से संपर्क करें.
    • विज्ञापन: अगर आपके ऐप्लिकेशन में बच्चों को विज्ञापन दिखाए जाते हैं, तो आपसे Google Play के Families Self-Certified Ads SDK Program के बारे में पूछा जाएगा. इसके अलावा, आपसे यह भी पूछा जा सकता है कि आपके ऐप्लिकेशन में न्यूट्रल एज स्क्रीन की सुविधा उपलब्ध है या नहीं.
    • स्टोर में मौजूदगी: Teacher Approved program में ऐसे ऐप्लिकेशन शामिल हो सकते हैं जिन्हें मुख्य रूप से बच्चों के लिए और कई उम्र समूहों के लिए बनाया गया है. जैसे, बच्चों और ज़्यादा उम्र के दर्शकों के लिए बने ऐप्लिकेशन.
  3. चुने गए विकल्पों की खास जानकारी की समीक्षा करें. इसके बाद, सेव करें पर क्लिक करें.
    • Google आपके ऐप्लिकेशन की समीक्षा करेगा. इससे पता चलेगा कि टारगेट ऑडियंस के बारे में दी गई जानकारी सटीक है या नहीं. इसमें यह भी देखा जाएगा कि आपका ऐप्लिकेशन, Google Play Developer Program की सभी नीतियों का पालन करता है या नहीं. कृपया ध्यान दें कि कुछ डेवलपर खातों और/या कुछ कैटगरी के ऐप्लिकेशन की समीक्षा, ज़्यादा बारीकी से करनी पड़ सकती है. इसमें सात दिन लग सकते हैं. कुछ मामलों में इससे ज़्यादा समय भी लग सकता है. हमारा सुझाव है कि अपना प्लान बनाते हुए इस बात को ध्यान में रखें.

उम्र समूहों को टारगेट करने के बारे में जानकारी

आपको अपने ऐप्लिकेशन की टारगेट ऑडियंस के लिए, एक से ज़्यादा उम्र समूह सिर्फ़ तब चुनने चाहिए, जब आपके ऐप्लिकेशन को चुने गए उम्र समूह (समूहों) के लोगों के लिए बनाया गया हो. साथ ही, आपको इस बात पर पूरा भरोसा हो कि आपका ऐप्लिकेशन, चुने गए उम्र समूह के लोगों के लिए सही है.

जैसे, छोटे बच्चों के लिए बने किसी ऐप्लिकेशन के लिए, सिर्फ़ "पांच साल और इससे कम उम्र" वाला उम्र समूह चुना जाना चाहिए.

आपको वयस्कों और बच्चों के उम्र समूह सिर्फ़ तब चुनने चाहिए, जब आपने अपने ऐप्लिकेशन को वाकई में हर उम्र के लोगों के लिए बनाया हो. ऐसा सिर्फ़ इसलिए न करें, क्योंकि आपको अपना ऐप्लिकेशन सभी उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध कराना है.

कृपया ध्यान दें कि अगर आपका ऐप्लिकेशन 21 साल से कम उम्र के लोगों को टारगेट करता है, तो इस बात पर ज़रूर गौर करें कि स्थानीय कानूनों के तहत उन्हें बच्चा माना जाएगा या नहीं. यह ज़रूरी है कि बच्चों के लिए बने ऐप्लिकेशन, Google Play की परिवार नीति से जुड़ी ज़रूरी शर्तें पूरी करते हों.

यहां कुछ अहम जानकारी और उदाहरण दिए गए हैं. इनसे आपको अपने ऐप्लिकेशन के लिए, सटीक उम्र समूह चुनने में मदद मिलेगी.

सबसे सही तरीके

  • क्वालिटी: ऐप्लिकेशन की क्वालिटी और उसके काम करने के तरीके का बहुत असर पड़ता है. यह छोटे बच्चों के लिए भी बहुत मायने रखता है. पक्का करें कि ऐप्लिकेशन में शामिल नेविगेशन, विज़ुअल, और वॉइस-ओवर या लेख उस उम्र के लोगों के हिसाब से हों जिनके लिए ऐप्लिकेशन बनाया गया है.
  • मकसद और अहमियत: इस बारे में ध्यान से सोचें कि आपके ऐप्लिकेशन में बच्चों को क्या बताया जा रहा है. साथ ही, इस बात पर गौर करें कि आपका ऐप्लिकेशन बच्चों का ध्यान कैसे खींच रहा है. जैसे, कहानी, किरदारों, अलग-अलग लेवल, और इनाम देने के सिस्टम या किसी अन्य तरीके से.
  • उम्र समूह के हिसाब से सही कॉन्टेंट: अगर आपके ऐप्लिकेशन में संवेदनशील या वयस्कों के लिए बना कॉन्टेंट, कॉन्सेप्ट या थीम मौजूद हैं, तो देख लें कि वे चुनी गई ऑडियंस की उम्र के हिसाब से ठीक हैं या नहीं. विज्ञापनों और इन-ऐप्लिकेशन खरीदारी के लिए भी इस बात का ध्यान रखें.

पांच साल और इससे कम का उम्र समूह

ध्यान दें कि ज़्यादातर जगहों पर, इस उम्र समूह में बच्चों को शामिल किया जाता है.

इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन तभी सही माने जाएंगे, जब:

  • वे उन बच्चों के लिहाज़ से ठीक हों जो अभी पढ़ नहीं सकते या पढ़ना सीख रहे हैं. इसके लिए ज़रूरी है कि ऐप्लिकेशन की सामग्री में बहुत ज़्यादा टेक्स्ट न हो
  • उनका डिज़ाइन आसान हो, उनमें बड़ी-बड़ी तस्वीरें और आइकॉन बने हों. साथ ही, बच्चों की दिलचस्पी बनाए रखने के लिए, उनमें चीज़ें एक जैसी और साफ़ तौर पर दिखाई गई हों
  • उनमें खूबसूरत रंग, आवाज़ें, और ऐसी चीज़ें भी शामिल हों जो बच्चों को देखने और सुनने में अच्छी लगें
  • उनमें किरदार निभाने वाले गेम, आसानी से सुलझाए जा सकने वाले सवाल, और/या बिना किसी शुल्क के खेले जा सकने वाले क्रिएटिव गेम हों
  • उनमें एक-दूसरे को साथ लेकर चलने, अपनेपन, परिवार, और/या दोस्ती को बढ़ावा देने वाले मशहूर किरदार और थीम हों
  • उनमें शामिल मैसेज अच्छे या मज़ाक़िया हों और कहानी, गेम वगैरह का अंत ऐसा हो जो सबको समझ आए या जिससे कोई दुखी न हो
  • उनमें प्यार और लगाव दिखाया गया हो, जैसे कि किरदारों का हाथ पकड़ना या एक-दूसरे से गले मिलना
  • उनमें माता-पिता के लिए कोई गतिविधि हो या उनके लिए सटीक जानकारी दी गई हो
इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन सही नहीं माने जाएंगे, अगर:
  • उनमें डरावनी और अंधेरी जगहें दिखाई गई हों या यह दिखाया गया हो कि उनके किरदार खतरे में हैं. जैसे, डरावने जानवर, राक्षस, संगीत या बैकग्राउंड
  • उनमें जल्दी प्रतिक्रिया देने, आंखों और हाथों की मांसपेशियों को एक साथ चलाने, कुछ टाइप करने या हिसाब लगाने जैसी गतिविधियों की ज़रूरत हो
  • उनमें कुछ देर पहले बताई या दिखाई गई चीज़ें याद रखने या ऐसी चीज़ों के बारे में सोचने की ज़रूरत पड़े जो उस समय वहां मौजूद न हों
  • उनमें खेल से जुड़ी सज़ा या जुर्माने शामिल हों. ऐसा इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि इस उम्र समूह के कई बच्चे अब भी अपनी भावनाओं पर काबू करना और हारने पर सही प्रतिक्रिया देना सीख रहे होते हैं
  • उनमें हिंसा, लड़ाई, हथियार, गंदे मज़ाक़ या भाषा, किसी को गाली देना या उसकी बेइज़्ज़ती करना या थोड़ी सी भी सेक्शुअल या अश्लील थीम शामिल हों. इसमें, लोगों को शराब पीते हुए दिखाना भी शामिल है
  • उनमें ऐसी कई सुविधाएं शामिल हों जिनकी वजह से बच्चों का ध्यान खेल से भटक जाए

छह से आठ साल का उम्र समूह

ध्यान दें कि ज़्यादातर जगहों पर, इस उम्र समूह में बच्चों को शामिल किया जाता है.

इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन तभी सही माने जाएंगे, जब:

  • वे पढ़ना-लिखना शुरू करने वाले बच्चों के लिए ठीक हों और उनकी सामग्री में बहुत ज़्यादा टेक्स्ट न हो
  • उनमें कुछ काम न कर पाने पर दुखी होने वाले बच्चों और सीखने के लिए उत्सुक बच्चों के लिए अच्छे सुझाव हों
  • उनमें मज़ेदार और/या मशहूर किरदार या कहानियां हों. इसमें, स्लैपस्टिक और बढ़ा-चढ़ा कर किए गए मज़ाक़ भी शामिल हैं
  • उनमें बच्चों के लिए कोई रोल-मॉडल दिखाया गया हो
  • उनमें बैज इस्तेमाल करना, किरदार इकट्ठा करना, लेवल अनलॉक करना या उम्र के हिसाब से सही इनाम देने जैसी दूसरी गतिविधियां शामिल हों
  • उनमें भाषा का विकास, पढ़ने-लिखने की शुरुआत, और बुनियादी गणित जैसी शुरुआती शिक्षा से जुड़ी गतिविधियां शामिल हों

इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन सही नहीं माने जाएंगे, अगर:

  • उनमें बहुत छोटे बच्चों के हिसाब से थीम, रंग, संगीत या किरदार शामिल हों
  • उनमें शरीर के बारे में रूढ़िवादी या ऐसी बातें बताई गई हों जो असल न हों. इनमें ऐसी गतिविधियां और किरदार शामिल हैं जो रंग-रूप पर ज़ोर देते हैं. जैसे, मेकओवर वाले गेम
  • उनमें किरदारों या उनके रिश्तों का अपमान किया गया हो, उन्हें महज़ किसी चीज़ की तरह समझा गया हो या कामुक तरीके से दिखाया गया हो
  • उनमें असली लगने वाला गुस्सा, हिंसा या चोट (हाल ही में घटी घटनाओं सहित) दिखाई गई हो
  • खोज की सुविधा शामिल हो

9 से 12 साल का उम्र समूह

ध्यान दें कि ज़्यादातर जगहों पर, इस उम्र समूह में बच्चों को शामिल किया जाता है.
इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन तभी सही माने जाएंगे, जब:
  • उनमें तर्क या अलग-अलग साइज़ और आकृतियों वाली चीज़ों से जुड़ी समस्या हल करनी हो. इसके लिए यह ज़रूरी नहीं है कि बच्चों को चीज़ों का मतलब समझकर उन्हें हल करने और ऐसी चीज़ों के बारे में सोचने की ज़रूरत पड़े जो उस समय वहां मौजूद न हों. ऐसा करना इस उम्र के बच्चों के लिए मुश्किल हो सकता है
  • उनमें ऐसे विषय शामिल हों जिन्हें इस उम्र में आम तौर पर स्कूलों में पढ़ाया जाता है
  • उनमें अपने बारे में क्रिएटिव तरीके से बताने और चीज़ों को अपने हिसाब से समझाने की गतिविधियां शामिल हों. हालांकि, ऐसा एक सीमित दायरे में होना चाहिए, जिसकी दूसरे लोग निगरानी कर सकें
इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन सही नहीं माने जाएंगे, अगर:
  • उनमें शामिल मज़ाक़, थीम, किरदार, और काम बच्चों की उम्र के हिसाब से सही न हों
  • उनमें ऐसा गेमप्ले शामिल हो जिसे करना उबाऊ हो या जो बहुत आसान हो
  • उनमें किरदारों या रिश्तों का अपमान करने वाली, उन्हें सिर्फ़ किसी चीज़ की तरह या कामुक तरीके से दिखाने वाली गतिविधियां शामिल हों
  • उनमें गाली-गलौज या अपशब्दों का इस्तेमाल किया गया हो
  • उनमें शरीर के बारे में रूढ़िवादी या ऐसी बातें बताई गई हों जो असल न हों. इनमें ऐसी गतिविधियां और किरदार शामिल हैं जो रंग-रूप पर ज़ोर देते हैं. जैसे, मेकओवर वाले गेम
  • उनमें असली लगने वाला गुस्सा, हिंसा या चोट (हाल ही में घटी घटनाओं सहित) दिखाई गई हो
  • उनमें उपयोगकर्ताओं से सीधे संपर्क करने की अनुमति दी गई हो

13-15 साल का उम्र समूह

ध्यान दें कि कुछ जगहों पर, इस उम्र समूह में बच्चे शामिल होते हैं.
इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन तभी सही माने जाएंगे, जब:
  • उनमें इस उम्र के मुताबिक सही स्टोरीलाइन, किरदार, मज़ाक़, चुनौतियां या गेम के तरीके शामिल हों
  • उनमें ऐसे विषय शामिल हों जिन्हें इस उम्र में आम तौर पर स्कूलों में पढ़ाया जाता है
  • उनमें समाज से जोड़ने वाली ऐसी सुविधाएं और जानकारी शामिल हों जो इस उम्र के लिहाज़ से ठीक हों
  • उनमें लोगों को उनकी उम्र के हिसाब से अपनी पहचान, खुद को देखने के नज़रिए, और किशोरावस्था के बारे में सही जानकारी दी गई हो

इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन सही नहीं माने जाएंगे, अगर:

  • उनमें किरदारों और रिश्तों को हिंसक, रूढ़िवादी या अपमानजनक तरीके से दिखाया गया हो या उन्हें महज़ किसी चीज़ की तरह समझा गया हो
  • उनमें ऐसे जोखिम भरे व्यवहार को बढ़ावा दिया गया हो जिसकी वजह से लोगों को सच में चोट लगने का खतरा हो

16 से 17 साल का उम्र समूह

ध्यान दें कि कुछ जगहों पर, इस उम्र समूह में बच्चे भी शामिल हो सकते हैं.
इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन तभी सही माने जाएंगे, जब:
  • उनमें ऐसे विषय शामिल हों जिन्हें इस उम्र के बच्चों को आम तौर पर स्कूलों में पढ़ाया जाता है
  • उनमें किशोरों के बीच मशहूर किरदार और विषय शामिल हों
  • उनमें थोड़े मुश्किल सवाल शामिल हों
  • उनमें समाज से जोड़ने वाली ऐसी सुविधाएं और जानकारी शामिल हों जो इस उम्र के लिहाज़ से ठीक हों
  • उनमें भावनाओं को दिखाने का एक सकारात्मक तरीका बताया गया हो

इस उम्र के लिए ऐप्लिकेशन सही नहीं माने जाएंगे, अगर:

  • उनमें बहुत ज़्यादा हिंसा या फिर यौन या घरेलू हिंसा दिखाई गई हो
  • उनमें ऐसी चीज़ें शामिल हों जिनकी लत लगने का डर हो
  • उनमें शामिल चीज़ें बहुत खर्चीली हों
18 साल और इससे ज़्यादा का उम्र समूह

आम तौर पर, ऐसे कॉन्टेंट को कानून और नीति का पालन करने वाले वयस्कों के लिए सही माना जाता है. अगर आपका ऐप्लिकेशन सिर्फ़ वयस्कों के लिए सही है या उन्हीं के लिए बनाया गया है, तो किशोरों को ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करने से रोका जा सकता है. नाबालिगों की पहचान, उनके Google खाते में दी गई उम्र की जानकारी के आधार पर की जाती है. इसके अलावा, अगर हमारे सिस्टम को लगता है कि किसी उपयोगकर्ता की उम्र 18 साल से कम है, तो उसे नाबालिग माना जाता है. इससे, नाबालिगों को आपका ऐप्लिकेशन खोजने या इंस्टॉल करने से रोका जा सकता है. साथ ही, इससे कोई भी नाबालिग आपके ऐप्लिकेशन में खरीदारी नहीं कर सकता या पैसे चुकाकर सदस्यता नहीं ले सकता.

निजी जानकारी

अगर आपको बच्चों की निजी और संवेदनशील जानकारी, जैसे कि उनका नाम और ईमेल पता इकट्ठा करने की ज़रूरत है, तो आपको यह बात ज़ाहिर करनी चाहिए और उनके माता-पिता या अभिभावक की सहमति से ही ऐसा करना चाहिए. हमारी सलाह है कि आप यह सोचने, समझने, और रिसर्च करने के लिए समय लें कि आपके ऐप्लिकेशन में इस्तेमाल किए गए एपीआई या एसडीके, किस तरह लोगों का डेटा इकट्ठा कर सकते हैं. बेहतर होगा कि शुरुआत में, इन SDK टूल या एपीआई से जुड़े दस्तावेज़ पढ़ लिया जाए. ध्यान रखें कि आपके ऐप्लिकेशन से किसी भी तरह का डेटा बाहर निकलता है, तो उसके लिए आप ज़िम्मेदार हैं. ज़्यादा मदद पाने के लिए, कृपया टारगेट किए गए देश में लागू होने वाली Play की उपयोगकर्ता डेटा नीति और कानूनी नियम भी देखें.

न्यूट्रल एज स्क्रीन

न्यूट्रल एज स्क्रीन का इस्तेमाल करके, लोगों की उम्र की पुष्टि कुछ इस तरह से की जा सकती है कि उन्हें इस बारे में झूठ बोलने की ज़रूरत न पड़े. लोग, ऐप्लिकेशन के उन हिस्सों को ऐक्सेस करने के लिए अपनी झूठी उम्र बताते हैं जो बच्चों के लिए नहीं बनाए गए हैं. उदाहरण के लिए, ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल शुरू करने से पहले दिखने वाली वह स्क्रीन जिसमें उम्र पूछी जाती है. उदाहरण के लिए, ऐसा सिस्टम जिसमें लोगों से उनके जन्म की तारीख, महीने, और साल को अलग-अलग डालने के लिए कहा जाए. अगर जन्म की तारीख को तय उम्र (उदाहरण के लिए, उम्र 13 साल) पर सेट किया जाए या कहा जाए कि ऐप्लिकेशन के कुछ हिस्सों को ऐक्सेस करने के लिए लोगों की उम्र, तय सीमा या उससे ज़्यादा होनी चाहिए, तो इसे न्यूट्रल एज स्क्रीन का गलत इस्तेमाल माना जाएगा. एफ़टीसी वेबसाइट पर जाकर, उम्र की पुष्टि करने के तरीकों के बारे में ज़्यादा जानकारी ली जा सकती है.

अगर आपका ऐप्लिकेशन बच्चों और वयस्कों, दोनों उम्र समूहों को टारगेट करता है, तो बच्चों को दिखाए जाने वाले विज्ञापन, Google Play के Families Self-Certified Ads SDK Program की नीतियों के मुताबिक होने चाहिए. साथ ही, इन ऐप्लिकेशन के लिए न्यूट्रल एज स्क्रीन भी लागू की जानी चाहिए, ताकि वे विज्ञापन जो बच्चों के हिसाब से ठीक न हों सिर्फ़ वयस्क दर्शकों को दिखाए जाएं.

जो ऐप्लिकेशन सिर्फ़ बच्चों के लिए बने हैं उनमें दिखाए जाने वाले सभी विज्ञापनों के लिए, खुद से प्रमाणित किए गए एसडीके टूल का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

मुख्य तौर पर बच्चों के लिए बने ऐप्लिकेशन

अगर आपके ऐप्लिकेशन को मुख्य रूप से 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए नहीं बनाया गया है, लेकिन आपके स्टोर पेज में मार्केटिंग से जुड़ी ऐसी चीज़ें शामिल हैं जो बच्चों के हिसाब से सही नहीं हैं (जैसे, युवाओं के लिए बनाए गए ऐनिमेशन या ग्राफ़िक ऐसेट में युवा किरदार), तो Google Play आपके ऐप्लिकेशन को अस्वीकार कर सकता है. ऐसे में, आपके पास ये विकल्प होंगे:

  • अपने स्टोर पेज पर मार्केटिंग से जुड़ी ऐसी सभी चीज़ें हटा दें जो बच्चों का ध्यान खींच सकती हैं. इनमें वह कॉन्टेंट भी शामिल है जिसकी पहचान हमारी समीक्षा टीम ने की है.
  • अपने ऐप्लिकेशन के लिए टारगेट किए गए उम्र समूह को बदलें, ताकि सिर्फ़ 13 साल से कम उम्र के बच्चों को टारगेट किया जा सके. इसके लिए, Google Play की परिवार से जुड़ी नीति का पालन करना ज़रूरी है.

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