इस लेख में, पार्टनर या प्रीमियर पार्टनर बनने की ज़रूरी शर्तें बताई गई हैं. Google पार्टनर स्टेटस पता करने के बारे में ज़्यादा जानें
Google पार्टनर बनने का तरीका
इसके लिए, शर्तों की तीन कैटगरी हैं: परफ़ॉर्मेंस, खर्च, और सर्टिफ़िकेशन. Google पार्टनर बनने के लिए ज़रूरी शर्तों की रोज़ जांच की जाती है. तीनों कैटगरी और उनके लिए थ्रेशोल्ड की जानकारी इस टेबल में दी गई है.
परफ़ॉर्मेंस |
परफ़ॉर्मेंस से जुड़ी ज़रूरी शर्त से यह पक्का करने में मदद मिलती है कि बतौर Google पार्टनर आपकी कंपनी, अपने क्लाइंट को सबसे अच्छे नतीजे दिलाने के लिए, Google Ads कैंपेन असरदार ढंग से सेट अप कर सकती है. साथ ही, उन्हें बेहतर तरीके से चला सकती है. Google Partners program में रजिस्टर किए गए आपके Google Ads मैनेजर खाते का ऑप्टिमाइज़ेशन स्कोर कम से कम 70% होना ज़रूरी है. अपने क्लाइंट के लक्ष्यों और खुद के आकलन के आधार पर सुझावों को लागू या खारिज करना आपके कंट्रोल में है. |
खर्च | Google Partners program में रजिस्टर किए गए आपके Google Ads मैनेजर खाते के लिए, मैनेज किए जा रहे सभी खातों से 90 दिनों में, विज्ञापन पर 10,000 डॉलर खर्च करना ज़रूरी है. |
सर्टिफ़िकेशन |
Google Partners program में रजिस्टर किए गए आपके Ads मैनेजर खाते के, कम से कम 50% खाता रणनीतिकारों के पास Google Ads का सर्टिफ़िकेशन होना चाहिए. हालांकि, ऐसे उपयोगकर्ताओं की संख्या 100 से ज़्यादा नहीं हो सकती. साथ ही, उनके पास हर प्रॉडक्ट एरिया (पीए) में कम से कम एक सर्टिफ़िकेशन और 90 दिनों में 500 डॉलर या उससे ज़्यादा खर्च वाले कैंपेन का अनुभव होना चाहिए. ऐसे कैंपेन में, सर्च, डिसप्ले, वीडियो, शॉपिंग या ऐप्लिकेशन कैंपेन.शामिल हो सकते हैं. खाता रणनीतिकार, कंपनी के उन कर्मचारियों को कहा जाता है जो क्लाइंट के लिए Google Ads कैंपेन मैनेज करते हैं. हमें यह जानकारी दी जा सकती है कि आपकी कंपनी में कितने उपयोगकर्ता बतौर खाता रणनीतिकार काम कर रहे हैं और उन्हें रोज़ के काम के आधार पर प्रमाणित किया जाना चाहिए. इसके लिए, Partners program टैब में कंपनी की ज़्यादा जानकारी वाला पेज देखें और ड्रॉप-डाउन मेन्यू से इन उपयोगकर्ताओं को चुनें. सर्टिफ़िकेशन से जुड़ी ज़रूरी शर्तों को पूरा करने के बारे में ज़्यादा जानें |
प्रीमियर पार्टनर बनने का तरीका
कंपनियों को पार्टनर बनने के लिए ज़रूरी शर्तें पूरी करनी होंगी. साथ ही, प्रीमियर पार्टनर* बनने के लिए, कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाली, देश की टॉप 3% कंपनियों में शामिल होना होगा. ये टॉप कंपनियां हर साल तय की जाती हैं.
इन बातों से तय होता है कि कौनसी कंपनियां टॉप 3% परफ़ॉर्मर में शामिल होंगी. इसके लिए, अन्य शर्तें भी लागू हो सकती हैं:
- मौजूदा क्लाइंट की ग्रोथ: अपने सभी क्लाइंट की ग्रोथ बढ़ाने की पार्टनर की काबिलीयत. इसे साल-दर-साल विज्ञापनों के खर्च में होने वाली बढ़ोतरी और सभी Google Ads क्लाइंट के विज्ञापनों पर होने वाले खर्च के आधार पर मेज़र किया जाता है.
- नए क्लाइंट की ग्रोथ: नए क्लाइंट हासिल करने की पार्टनर की काबिलीयत. इसे साल-दर-साल विज्ञापनों की खर्च में होने वाली बढ़ोतरी और पहली बार बने सभी Google Ads क्लाइंट के विज्ञापनों पर होने वाले खर्च के आधार पर मेज़र किया जाता है.
- ग्राहक बनाए रखना: क्लाइंट के कारोबार को बनाए रखने की दिखाई गई काबिलीयत. इसे Google Ads पर सक्रिय तौर पर खर्च करने वाले ऐसे क्लाइंट के प्रतिशत के आधार पर मेज़र किया जाता है जिन्हें पार्टनर मैनेज करता है और जो क्लाइंट के तौर पर साल-दर-साल बने रहते हैं.
- अलग-अलग तरह के कैंपेन का इस्तेमाल: सर्च कैंपेन के अलावा,हर साल अलग-अलग तरह के कैंपेन और प्लैटफ़ॉर्म में अच्छा निवेश. जैसे YouTube, Display & Video 360, डिसप्ले, ऐप्लिकेशन, और शॉपिंग कैंपेन पर हुआ खर्च. इस खर्च की हिस्सेदारी को सर्च कैंपेन पर हुए खर्च से अलग गिना जाता है.
- विज्ञापनों पर हर साल होने वाला खर्च: Google Ads या Google Marketing Platform में निवेश. इसे, मैनेज किए जा रहे खातों पर हुए हर साल के खर्च के आधार पर मेज़र किया जाता है
*किसी कंपनी को प्रीमियर पार्टनर के तौर पर मंज़ूरी मिलना इस बात से तय होता है कि उस देश में दूसरी कंपनियां उसकी तुलना में कैसा परफ़ॉर्म कर रही हैं. यह आकलन सिर्फ़ एक अनुमान होता है. यह देश के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है और हर साल किया जाता है. ऐसा हो सकता है कि सभी देशों के लिए प्रीमियर पार्टनर की स्थिति उपलब्ध न हो.