जब Google Analytics ग्राहक “Google उत्पाद और सेवाओं” (Google Analytics) के लिए डेटा शेयर करने की सेटिंग चालू करते हैं और "माप नियंत्रक-नियंत्रक डेटा सुरक्षा की शर्तें" स्वीकार करते हैं, जिसमें ईयू उपयोगकर्ता की सहमति से जुड़ी नीति भी शामिल है, तब जीडीपीआर की वजह से Google उस डेटा का नियंत्रक बन जाता है जिसे इस सेटिंग के तहत शेयर और इस्तेमाल किया जा रहा है.*
इसका मतलब यह है कि ग्राहक जो Analytics डेटा हमसे शेयर करते हैं, Google उसे ऐक्सेस और उसका विश्लेषण कर सकता है. इससे हमें ग्राहकों के ऑनलाइन व्यवहार और रुझानों को समझने में मदद मिलती है. साथ ही, हम अपने उत्पाद और सेवाओं को और बेहतर बना पाते हैं—उदाहरण के लिए, इसकी मदद से हम Google खोज के नतीजों को बेहतर बना पाते हैं, Google Ads में अमान्य विज्ञापन ट्रैफ़िक को पहचान, और हटा पाते हैं. इसके साथ ही, हम ऐसे एल्गोरिदम आज़माकर बढ़िया मॉडल बना पाते हैं जो Google Analytics Intelligence जैसी सेवाओं को बेहतर बनाते हैं. यह सेवा, ग्राहकों के विश्लेषण के डेटा के आधार पर मशीन लर्निंग लागू करके उन्हें बेहतर सुझाव और इनसाइट देती है. साथ ही, Google Ads के बारे में भी बेहतर जानकारी देती है जो ग्राहकों को दिलचस्पी के मुताबिक बेहतर और सही विज्ञापन दिखाने वाले बड़े मॉडल लागू करता है. हम ग्राहकों को मौजूदा समय में जो उत्पाद मुहैया कर रहे हैं उनकी अहमियत बढ़ाने में ये सुविधाएं काफ़ी अहम भूमिका निभाती हैं.
ध्यान दें, अगर आपने देश या क्षेत्र के लेवल पर किसी खास इवेंट या उपयोगकर्ता प्रॉपर्टी के लिए दिलचस्पी के मुताबिक विज्ञापन की सुविधा बंद कर दी है, तो डेटा शेयर करने की सेटिंग से इकट्ठा और प्रोसेस किए गए किसी भी डेटा का इस्तेमाल दिलचस्पी के मुताबिक विज्ञापन दिखाने के लिए नहीं किया जाएगा.
अगर आप Analytics और Firebase को एक-दूसरे से अलग कर देंगे, तो ऐप्लिकेशन और वेब प्रॉपर्टी को Firebase उपयोगकर्ता ऐक्सेस नहीं कर पाएंगे.
एजेंसी/रीसेलर को अपने असली क्लाइंट की डेटा शेयर करने की सेटिंग तय करने की अनुमति नहीं है. साथ ही, वे नियंत्रक-नियंत्रक डेटा-सुरक्षा की शर्तें भी स्वीकार नहीं कर सकते. सिर्फ़ उनके असली क्लाइंट ही डेटा शेयर करने की सेटिंग चालू कर सकते हैं और नियंत्रक-नियंत्रक डेटा-सुरक्षा की शर्तें स्वीकार कर सकते हैं.